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वाराणसी न्यूज़: दिल्ली पब्लिक स्कूल में बागेश्वरी देवी ठुमरी फेस्टिवल का समापन उस समय खास बन गया, जब उप शास्त्रत्त्ीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने बच्चों से पूछा कि ठुमरी गायन क्या है? इसपर छात्रा आद्या ने हाथ उठाया. सोमा घोष के कहने पर आद्या ने खमाज में ठुमरी ‘अब न बजाओ री श्याम...’ गाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया.
सोमा घोष ने बालिका को स्नेह दिया और सुप्रसिद्ध गायिका गौहर जान से जुड़ा एक वाकया बताकर आद्या का हौसला बढ़ाया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भेजा संदेश पत्र बच्चों को दिखाया. बोलीं, अपनी संस्कृति को बढ़ाना हर देशवासी का कर्तव्य है. इस दौरान उप शास्त्रत्त्ीय गायिका ने बनारस के संगीत के इतिहास व प्रबंध गायन, द्रुपद धमार, ख्याल और ठुमरी की उत्पत्ति के इतिहास की जानकारी दी.
इसके बाद डॉ.सोमा घोष ने सिद्धेश्वरी देवी की गाई हुई ठुमरी ‘आ जा सांवरिया तोहे गर्वा लगा लूं, के रस के भरे तोरे नैन...’ सुनाकर श्रोताओं को आनंद से भर दिया.
उन्होंने पं. महादेव मिश्रा के गाए ख्याल अंग की ठुमरी, रसूलन बाई, छोटी मोती और बड़ी मोती बाई के भाव प्रधान ठुमरी गायकी की बारीकियां बताईं. सोमा घोष ने फिल्मों में ठुमरी गायकी का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर और कई दिग्गज संगीतकारों को श्रद्धांजलि देते हुए कुछ चुनिंदा गीत प्रस्तुत किए.