उत्तर प्रदेश

फोन पर दोस्ती के बाद छात्रा से दुष्कर्म, फिर गर्भपात के दौरान अस्पताल में मौत

Kajal Dubey
13 Aug 2022 5:54 PM GMT
फोन पर दोस्ती के बाद छात्रा से दुष्कर्म, फिर गर्भपात के दौरान अस्पताल में मौत
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न्यूज़ क्रेडिट: अमरउजाला 

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दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की निजी अस्पताल में जबरन गर्भपात कराने के दौरान शनिवार तड़के मौत हो गई। छात्रा के मामा की तहरीर के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी सहित अस्पताल की संचालिका, चिकित्सक समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी व अस्पताल संचालिका को गिरफ्तार किया।
वाराणसी के चोलापुर थाना अंतर्गत एक गांव निवासी युवती चंदापुर स्थित अपने मामा के यहां रहकर पढ़ाई करती थी। वह महाविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी। ननिहाल में रहते हुए छात्रा की घर के पास इंटरमीडिएट कॉलेज में स्कूली वैन चालक पहड़िया के अकथा निवासी प्रदुमन यादव से मुलाकात हुई।
रक्षाबंधन के दिन घर से निकली थी छात्रा
फोन पर पहले दोस्ती और फिर प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे के साथ कई बार देखे गए। रक्षाबंधन के दिन छात्रा चंदापुर स्थित ननिहाल से चचेरे भाई को राखी बांधने को कहकर घर से निकली लेकिन घर नहीं पहुंची। पीड़ित मामा का आरोप है कि भांजी को प्रेम जाल में फंसाकर प्रदुमन यादव ने उसके साथ दुष्कर्म किया और पेट में पांच माह का गर्भ हो गया तो उसे दवा दिलाने के बहाने आशापुर स्थित निजी अस्पताल ले गया।
जहां, जबरन गर्भपात के चलते भांजी की हालत बिगड़ने पर उसे लेकर बेला मार्ग स्थित नवापुरा में निजी अस्पताल में भर्ती कराया। आरोप है कि अस्पताल की संचालिका शीला पटेल ने गर्भपात कराया और इसी दौरान भांजी ने दम तोड़ दिया। आरोपी प्रदुमन यादव, उसका दोस्त औरा निवासी अनुराग मिश्रा, अस्पताल संचालिका सभी शव छिपाने के फिराक में थे।
आरोपी और अस्पताल संचालक गिरफ्तार
वहीं, ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। पीड़ित मामा ने अस्पताल के चिकित्सक डॉ. लल्लन पटेल, संचालिका शीला पटेल, दुष्कर्म के आरोपी प्रदुमभन व अनुराग मिश्रा के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया। वहीं, पुलिस ने आरोपी प्रदुमभन व शीला पटेल को गिरफ्तार किया।
ग्रामीण क्षेत्रों में बगैर लाइसेंस के संचालित हो रहे अस्पताल
इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में बगैर लाइसेंस के निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। प्रतिबंध के बावजूद अधिकतर अस्पतालों में गर्भपात कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से बगैर लाइसेंस के संचालित अस्पतालों में झोला झाप चिकित्सक ऑपरेशन तक कर रहे हैं। ऐसे में आए दिन मरीजों की जान पर बनी रहती है। ठेके पर चिकित्सक रखे गए हैं। गांव में छोड़े गए अस्पतालों के एजेंट कमीशन पर मरीजों को लेकर आते हैं।
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