उत्तर प्रदेश

छोटे से स्टेशन के रूप में दर्ज घुघली स्टेशन आने वाले समय में जंक्शन का रूप लेगा

Harrison
26 Sep 2023 1:48 PM GMT
छोटे से स्टेशन के रूप में दर्ज घुघली स्टेशन आने वाले समय में जंक्शन का रूप लेगा
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उत्तरप्रदेश | छोटे से स्टेशन के रूप में दर्ज घुघली स्टेशन आने वाले समय में जंक्शन का रूप लेगा. यहां से ट्रेनों का संचलन तो बढ़ेगा ही साथ ही व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी. यह सब होगा फरेंदा-महराजगंज-घुघली रेल लाइन बनने से. प्रारंभिक सर्वे के अनुसार इस रूट पर पांच स्टेशन बनेंगे साथ ही एक क्रासिंग भी रहेगी. रूट को अंतिम रूप देने के लिए अक्तूबर से लिडार (लाइट डिटेक्शन एण्ड रेजिंग) सर्वे शुरू होगा. नवम्बर में सर्वे पूरा हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
लिडार सर्वे के जरिए रेल लाइन बिछाने के लिए मिट्टी-गिट्टी और अन्य जरूरी चीजों की सटीक जानकारी भी जुटाई जाएगी. इसमें देखा जाएगा कि कहां कितनी मिट्टी और गिट्टी लगेगी. रेल की कितनी जरूरत होगी. सर्वे में यह भी देखा जाएगा कि शुरुआत से लेकर गन्तव्य तक कुल कितने छोटे-बड़े पुल बनेंगे. स्टेशन की बिल्डिंग कैसी होगी और हाल्ट बनाने की जरूरत कहां-कहां होगी. ये सर्वे पूरा हो जाने के बाद जमीन अधिग्रहण और फिर ट्रैक बिछाने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा.
पिछले महीने रेल मंत्रालय ने 958.27 करोड़ रुपये की लागत से फरेंदा, महराजगंज, घुघली तक 52.7 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाने की स्वीकृति दे दी है. रेल मंत्रालय की ओर से बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है. इसके बन जाने से महराजगंज क्षेत्र के लोगों को दिल्ली-मुंबई जाने के लिए ट्रेन पकड़ने गोरखपुर नहीं जाना होगा.
योजना के अनुसार, आनंदनगर से घुघली, महराजगंज तक 52.7 किमी लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी. इस पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी. रेल लाइन बन जाने से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर तक आवागमन का रास्ता आसान हो जाएगा. सीपीआरओ के अनुसार प्रोजेक्ट में सिविल कार्य के लिए 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18.17 करोड़ और इलेक्ट्रिकल कार्यों के लिए 64.26 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के इस सेक्शन की रेल लाइन के तैयार होने पर कुल लागत 958.27 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
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