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प्रयागराज: अधीनस्थ विशेष अदालत गाजीपुर द्वारा वरिष्ठ अधीक्षक जिला जेल बांदा को मुख्तार अंसारी को सुपीरियर क्लास में रखने के 15 मार्च 2022 के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है और गैंगस्टर, दुर्दांत अपराधी बाहुबली अंसारी कानूनन जेल में सुपीरियर क्लास पाने का हकदार नहीं हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने राज्य सरकार की तरफ से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। याचिका में विशेष अदालत एमपी-एमएलए गाजीपुर के अंसारी को जेल में सुपीरियर क्लास देने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई थी।
राज्य सरकार का कहना था कि उप्र जेल मैनुअल 2022 के अनुसार अदालत को सुपीरियर क्लास देने की केवल संस्तुति करने का अधिकार है। उसे मानने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को है। हाईकोर्ट, राज्य सरकार व जिला अदालत को जिलाधिकारी को अपनी संस्तुति भेजने का अधिकार है। जेल मैनुअल के तहत यह सुविधा देते समय विचाराधीन कैदी की शिक्षा, उसका आचरण, आपराधिक घटना की प्रकृति, आपराधिक मंशा देखी जायेगी। अंसारी का लम्बा आपराधिक इतिहास है। 58 आपराधिक केस दर्ज हैं। गिरोह का सरगना है। अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। दुर्दांत अपराधी को सुपीरियर क्लास नहीं दिया जा सकता।
अधीनस्थ अदालत ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सुपीरियर क्लास देने का निर्देश दिया है। ऐसा आदेश देने का कोर्ट को अधिकार नहीं है। अंसारी की तरफ से कानूनी पहलू पर विवाद नहीं किया गया और माना गया कि यह अधिकार राज्य सरकार को है। जिस पर कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया है।