उत्तर प्रदेश

Ghaziabad: मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर पीड़ित को फंसाया, 47 लाख रुपये ठगे

Sanjna Verma
19 Jun 2024 7:23 AM GMT
Ghaziabad: मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर पीड़ित को फंसाया, 47 लाख रुपये ठगे
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Ghaziabadगाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का मामला फिर सामने आया है। मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर पीड़ित को फंसाया गया। फिर खाते से रकम गायब कर दी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई मनी लॉन्ड्रिंग या विदेश में अवैध सामान भेजने की बात कर कॉल करे तो अलर्ट हो जाएं, क्योंकि ये ठगों का जाल होता है। ठग आपको डिजिटल अरेस्ट कर सजा होने का डर दिखाएंगे और खाता खाली कर देंगे। ऐसी ही एक घटना महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ हुई। उन्हें मनी
Laundering
के केस में सजा होने का डर दिखाया और 47 लाख रुपये ठग लिए। साइबर ठगों ने करीब 4 घंटे तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया। ठगों ने सजा होने की बात कहकर ये पैसे निकाल लिए।
आरोपियों ने कॉल कर खुद को पुलिसकर्मी बताया था। उन्हें अवैध सामान अमेरिका भेजने और मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताकर डराया। बाद में ठगी का पता चलने पर पीड़िता ने तुरंत बैंक को जानकारी दी और साइबर थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने करीब 17 लाख रुपये होल्ड करा दिए।
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सच्चिदानंद ने बताया कि इंदिरापुरम के नीतिखंड की रहने वाली सौम्या की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है। समय पर शिकायत होने के चलते 17 लाख रुपये होल्ड करवाए गए हैं। अन्य के संबंध में बैंक को लेटर लिखकर रुपये होल्ड करवाने के लिए कहा गया है।
पीड़िता ने बताया कि 15 जून को उनके पास एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को एक कुरियर कंपनी से बताया और कहा कि उनके आधार डिटेल के साथ यूएसए अवैध रूप से MDMA (ड्रग) और यूएस डॉलर भेजे जा रहे हैं। इसके बाद उनकी कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच ट्रांसफर करने की बात की गई। आरोपियों ने उन्हें स्काइप ऐप भी डाउनलोड कराया। आरोपियों ने कहा पुलिस उनका पूरा वेरिफिकेशन करेगी, नहीं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। आरोपी ने स्काइप कॉल के साथ उन्हें स्क्रीन शेयर करने को भी कहा गया।
ठगों ने पीड़िता को करीब 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया। उन्हें बताया कि उनके नाम से 6 अकाउंट खोले गए हैं, जिसके बाद माध्यम से रुपये इधर से उधर किए जा रहे हैं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार करने का डर दिया और डिजिटल अरेस्ट किए रखा। जांच के बाद ठगों ने पीड़िता के अकाउंट की एक साल की Statement देने के लिए कहा। डर के चलते उन्होंने वह डिटेल दे दी और अकाउंट में रुपये देखने के बाद ठगों ने अपना काम शुरू किया।
पीड़िता ने बताया कि ठगों ने अरेस्ट होने का डर दिखाने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उनके अकाउंट को वेरिफाई करने की बात कही, जिसके बाद ठगों ने करीब 45 मिनट तक ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया और उन्हें डराकर अकाउंट की डिटेल ली। उनके अकाउंट में पे करने के लिए एक अकाउंट भी ऐड किया गया। इसके बाद ठगों ने एक ही बार में 47 लाख रुपये एक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने बैंक स्टेटमेंट के
verification
के नाम पर ठगी की।
अलर्ट होने के कारण बचे 17 लाख
ठगी के बाद पीड़िता ने सबसे पहले बैंक में सूचना दी और इसके बाद online साइबर क्राइम में रिपोर्ट दी, जिसके बाद टीम एक्टिव हुई तो करीब 17 लाख रुपये होल्ड करवाए गए। साथ ही 30 लाख रुपये के लिए साइबर थाने की पुलिस अकाउंट की जांच कर रही है।

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