उत्तर प्रदेश

Ghaziabad: क्राइम ब्रांच ने 35 लाख रुपये के उपकरण बरामद किए

Admindelhi1
12 Oct 2024 5:44 AM GMT
Ghaziabad: क्राइम ब्रांच ने 35 लाख रुपये के उपकरण बरामद किए
x
मोबाइल टावर के उपकरण चोरी कर भेजता था दुबई और चीन

गाजियाबाद: मोबाइल टावर चोरी करने वाले गिरोह के सरगना एक लाख के इनामी रहे जावेद की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने 35 लाख रुपये के उपकरण बरामद किए हैं। जावेद भारत के अलग अलग स्थानों से चोरी किए गए मोबाइल उपकरणों को उंची कीमतों पर दुबई और चीन में बेचता था।

डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने तीन मई को मोबाइल टावरों से चोरी करने वाले गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के कब्जे से चार करोड़ रुपये के उपकरण बरामद हुए थे। साथियों के पकड़े जाने के बाद गिरोह का सरगना जावेद मीरापुरिया दुबई भाग गया था। जिसके चलते उस पर एक लाख का इनाम घोषित कर लुक आउट नोटिस भी जारी कराया गया था। मंगलवार रात को जावेद दुबई से दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा तो दिल्ली की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जिसे गाजियाबाद पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पूछताछ की और उसकी निशानदेही पर 35 लाख के उपकरण बरामद कर लिए। डीसीपी सिटी के मुताबिक जावेद परिवार के साथ गोकुलपुरी दिल्ली के भागीरथी विहार में रहता है।

तीसरी पास जावेद सात भाई-बहन हैं, जिनमें पांच बहनें हैं। जावेद का पिता कबाड़े का काम करता था। पढ़ाई छोडक़र जावेद भी कंप्यूटर तथा मोबाइल के पत्तों के कबाड़ का काम करने लगा। काम चल निकला तो उसने यमुना विहार दिल्ली निवासी अबरार के साथ कारोबार शुरू कर दिया और मोबाइल के पत्तों को चीन भेजने लगा। डीसीपी सिटी के मुताबिक चीन की पार्टियों से संपर्क होने पर जावेद अबरार से अलग हो गया और सीधे व्यापार करने लगे। वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद मुस्तफाबाद में मोबाइल टावरों के आरआरयू (रेडियो रिसीवर यूनिट) के कबाड़ का काम करने वाले दिनेश से जावेद का संपर्क हुआ। इसके बाद जावेद आरआर यूनिट करके दिनेश को देने लगा। दिनेश विशाखापट्टनम के किसी व्यक्ति को आरआरयू सप्लाई करता था, माल को आगे दुबई भेजता था।

दिनेश के जेल चले जाने के बाद जावेद ने उसके साथ काम करने वाले व्यक्ति से दुबई का पता ले लिया और वहां लेवल-थ्री कंपनी के हैदराबाद निवासी मालिक अलीमुद्दीन से मिला। इसके बाद जावेद अलीमुद्दीन को सीधे माल भेजने लगा। वहां से उसका संपर्क चीन के हांगकांग निवासी व्यक्ति से हुआ। डीसीपी सिटी ने बताया कि 50 से 60 आरआरयू इकट्टा होने के बाद जावेद उन्हें पानी या हवाई जहाज के जरिये दुबई की कंपनी लेवल-थ्री तथा हांगकांग की कंपनी वी-फोन को भेजता था। माल को स्क्रेप का बिल लगाकर भेजा जाता था। बिल की रकम का भुगतान ऑनलाइन तथा बाकी रकम हवाला के जरिये भेजी जाती थी।

Next Story