उत्तर प्रदेश

Ghaziabad: खेलने वाले नोटों को असली बताकर लोगों के साथ ठगी का मामला

Admindelhi1
30 Dec 2024 8:11 AM GMT
Ghaziabad: खेलने वाले नोटों को असली बताकर लोगों के साथ ठगी का मामला
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"50 लोगों को ठगा"

गाजियाबाद: कोतवाली पुलिस ने ऐसे तीन टप्पेबाजों को गिरफ्तार किया है जो बच्चों के खेलने वाले नोटों को असली बताकर लोगों के साथ ठगी करते थे।

खुद को पुलिस से बचकर भागता हुआ बताकर किसी को भी नोटों की ऐसी गड्डियां थमा देते हैं, जिनमें सिर्फ ऊपर और नीचे का एक-एक नोट ही असली होता है जबकि बीच में सभी नोट बच्चों को खेलने वाले यानी नकली होते हैं। नकली देकर उनके बदले असली नोट लेकर भाग जाते हैं।

एसीपी रितेश त्रिपाठी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए टप्पेबाज शाहिद निवासी भोगल, जंगपुरा, नई दिल्ली, जियाउर्रहमान निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली और मोहम्मद अली निवासी बस्ती, फूडबिडला, थाना बाजपट्टी सीतामढ़ी हैं। उनके पास से 3900 रुपये मूल्य के असली नोट और 82.50 लाख मूल्य के नकली नोट बरामद हुए हैं। फर्जी आधार कार्ड और पेन कार्ड भी मिले हैं। इन कार्ड को दिखाकर लोगों का विश्वास जीत लेते थे।

यह गिरोह गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के 50 लोगों के साथ टप्पेबाजी कर चुका है। गिरोह का मुखिया साजिद है। उसके खिलाफ धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के 11 मुकदमे दर्ज हैं।

पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी कोतवाली में कैला भट्ठा निवासी फैसल की ओर से 28 दिसंबर को दर्ज कराए गए मुकदमे में की है। फैसल ने बताया कि तीनों शातिर उनके पास आए थे। उन्होंने कहा कि उनके पास 25 लाख रुपये हैं। अगर वह उन्हें 1.5 लाख रुपये दे दे तो वे बदले में छह लाख रुपये दे देंगे। उन्होंने इसकी वजह पुलिस का पीछा करना बताया था।

फैसल ने बताया कि वह उनकी बातों में आ गए और 1.5 लाख रुपये दे दिए। टप्पेबाजों ने उन्हें बैग में से कैश निकालकर दिया। बैग में कुल 25 लाख रुपये बताए। छह लाख रुपये 500-500 की गड्डी में थी। 1.5 लाख रुपये लेकर वे लोग चले गए।

उन्होंने गड्डियों से नोट निकाले तो दंग रह गए। सिर्फ ऊपर और नीचे के नोट असली थे। बीच में सभी नोट नकली थे जिन पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया की जगह चिल्ड्रन बैंक आफ इंडिया लिखा था।

हमारे पीछे पुलिस पड़ी है, नोटों से भरा थैला ले लो

गिरफ्तार टप्पेबाजों से पूछताछ के बाद एसीपी ने बताया कि ये शातिर किसी भी बाजार में तेजी से चलते हुए जाते थे। रास्ते में किसी को भी रोककर उसे सड़क किनारे ले जाते। उससे कहते कि उनके पीछे पुलिस पड़ी है। अगर पुलिस आ गई तो उनसे थैला ले लेगी और उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। थैला खोलकर दिखाते। उसमें नोटों की गड्डियां होतीं। इसके बाद कहते कि आप ये थैला ले लो। बदले में किराये और खर्चे-पानी के लिए जो भी कैश आपके पास है, वो हमें दे दो। उनकी बातों में आकर लोग अपनी जेब में से पूरा कैश उन्हें थमा देते। किसी से 20 हजार तो किसी से एक लाख मिल जाते। इस तरह 50 लोगों को ठग चुके थे। असली नोट लेकर थैला थमा देते और वहां से चले जाते। टप्पेबाजी के शिकार शख्स को इसकी पता तब चलता, जब वह गड्डी खोलकर देखता। तब तक वे दूर जा चुके होते।

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