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Ghaziabad: बढ़ई ने मकान मालिक की तिजोरी पर हाथ साफ किया
गाजियाबाद: स्कूल संचालक के घर की मरम्मत के दौरान लकड़ी का काम करने वाले बढ़ई ने मकान मालिक की तिजोरी पर हाथ साफ कर दिया। काम करने के दौरान तीन दिन में आरोपी ने तिजोरी से करीब 55 लाख रुपये के गहने साफ कर दिए। पुलिस ने 25 लाख रुपये के आभूषण बरामद कर मेरठ निवासी समीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि 23 नवंबर को मोदीनगर के तिबड़ा रोड निवासी राम अग्रवाल ने शिकायत दी थी कि उनके मकान में मरम्मत कार्य चल रहा है। राजमिस्त्री, कारपेंटर और मजदूर समेत करीब 20 लोग काम कर रहे हैं। उनके घर से करीब 70 लाख रुपये के आभूषण तिजोरी से चोरी कर लिए गए हैं। पुलिस ने काम करने वालों को ट्रेस कर पूछताछ की। जानकारी हुई कि तिजोरी वाले कमरे में तीन दिनों तक बढ़ई समीर पुत्र मोहम्मद उमर निवासी समर गार्डन कालोनी थाना लिसाड़ी गेट जनपद मेरठ ने काम किया। इसके बाद वह काम छोड़कर चला गया। समीर को टीम ने हिरासत में लिया और पूछताछ की तो उसने बताया कि मकान के सबसे पीछे वाले कमरे की अलमारी में तिजोरी रखी थी। लकड़ी की अलमारी की मरम्मत के दौरान उसका हाथ तिजोरी के लॉक पर लगा तो वह खुल गई। तिजोरी में सोने और चांदी के गहने थे। उसने तिजोरी को बंद कर दिया। जब अन्य मजदूर चले गए तो देर तक काम करने की बात कहकर उसने तिजोरी से पहले दिन डायमंड और सोने के बड़े-बड़े आभूषणों को चुरा लिया और तिजोरी के गेट को बंद कर दिया। तीन दिनों तक उसने करीब 55 लाख रुपये के गहने तिजोरी से चुरा लिए। चोरी के आभूषणों को सेंट्रल मार्किट स्थित कैपरी लोन बैंक में अपने पिता उमर को साथ ले जाकर गिरवी रख दिए। कुछ आभूषणों को नकद में बेच दिया। आभूषण से मिले रुपयों में शालीमार गार्डन में 14 लाख रुपये का भुगतान करके एक प्लॉट बुक किया। पुलिस ने आरोपी से डायमंड, सोने और चांदी के करीब 25 लाख रुपये की कीमत के आभूषण बरामद कर लिए हैं। बाकी आभूषण समीर ने बेच दिए और कुछ गिरवी रख दिए हैं। पुलिस ने आरोपी से सोने के 220 ग्राम, चांदी के 320 ग्राम और डायमंड के दो कंगन बरामद किए हैं।
जेबों में भरकर साइकिल पर ले गया सोना: पुलिस की पूछताछ में समीर ने बताया कि किसी को शक न हो इसीलिए तिजोरी से पहले सोने और डायमंड के आभूषण चोरी करता और फिर आभूषणों को जेबों में भरकर साइकिल पर सवार होकर मेरठ के लिए निकलता था। मजदूरों के जाने के बाद वह निकलता था। साइकिल को कमरे के बाहर खड़ी करता था। तीन दिनों तक उसने करीब 55 लाख रुपये का सोना तिजोरी से साफ कर दिया।