उत्तर प्रदेश

Gaziabad: नाहल गांव में सुबह घर में तीन बच्चे आग लगने से झुलसे

Admindelhi1
10 Sep 2024 5:53 AM GMT
Gaziabad: नाहल गांव में सुबह घर में तीन बच्चे आग लगने से झुलसे
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घर में आग लगने का कारण बिजली के शार्ट सर्किट बताया जा रहा

गाजियाबाद: मसूरी थानाक्षेत्र के नाहल गांव में सुबह घर में आग लगने से परिवार के तीन बच्चे झुलस गए. पड़ोसियों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला. बच्चों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका बर्न यूनिट की आईसीयू में इलाज चल रहा है. जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है. घर में आग लगने का कारण बिजली के शार्ट सर्किट बताया जा रहा है.

गांव नाहल के मोहल्ला रहमानशाही में जाकिर अपने परिवार के साथ रहते हैं. वह सीवर लाइन की खुदाई कर अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं. उसकी पत्नी मोहसिना बीमार है, जिसका कुछ दिनों से दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है. जाकिर अपनी पत्नी के इलाज के लिए अस्पताल में ही रुका था. सुबह उसकी गैर मौजूदगी में कमरे में तीन बच्चे 15 वर्षीय नाहिद, 12 वर्षीय फैजान और दस वर्षीय जुनैद सो रहे थे. थोड़ी दूरी पर बच्चों के दादा ताहिर और दादी खैरून भी सोए हुए थे. दादी के पास जाकिर का चौथा बेटा आठ वर्षीय जैद भी सोया हुआ था. उसी अचानक कमरे में आग लग गई और कमरे के अंदर से चीख पुकार मचने की आवाजें आने लगी. शोर शराबा होने पर लोग जाकिर के घर की तरफ दौड़े और नूरपुर बिजलीघर पर फोन कर बिजली कटवाई.

लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर तीनों बच्चों को झुलसी हालत में बाहर निकाला और तीनों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया. बच्चों के चाचा तालिब ने बताया कि बच्चों की स्थिति नाजुक है.

इंश्योरेंस कंपनी पर जुर्माना लगाया: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने इंश्योरेंस कंपनी पर 2.68 लाख का जुर्माना लगाया है. कंपनी को 45 दिन में यह राशि उपभोक्ता को देनी होगी. राशि न देने पर आयोग ने छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भी आदेश दिया है. इसके अलावा कंपनी को उपभोक्ता को पांच हजार रुपये अतिरिक्त भी देने होंगे.

स्पेन में बैठी साथी को बताया सरगना: विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में मुख्य आरोपी अर्चना गौतम बी वारंट पर गाजियाबाद आई थी. उसने कोर्ट में बयान दिया कि स्पेन में बैठी डॉ. सस्मिता नंदा ही सरगना है और अधिकतर पैसे उसी के खाते में जाते थे. हालांकि अपने खाते में लिए पैसों के बारे में वह जवाब नहीं दे पाई.

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