उत्तर प्रदेश

Gaziabad: वैशाली सेक्टर पांच में फ्लैट में पूर्व बैंककर्मी का कई दिन पुराना शव मिला

Admindelhi1
6 Jun 2024 12:43 PM GMT
Gaziabad: वैशाली सेक्टर पांच में फ्लैट में पूर्व बैंककर्मी का कई दिन पुराना शव मिला
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पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा.

गाजियाबाद: वैशाली सेक्टर पांच में अकेले रह रहे बुजुर्ग बैंककर्मी का शव घर के बाथरूम में सड़ी गली हालत में पड़ा मिला. बुजुर्ग का परिवार शाहदरा में रहता है. दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा.

कौशांबी थाना क्षेत्र स्थित वैशाली सेक्टर पांच में ग्रीन स्ट्रीट लाइन के एक मकान में 62 वर्षीय राजकुमार श्रीवास्तव अकेले रहते थे. उनके परिजन शाहदरा में रहते हैं. पुलिस के मुताबिक, देर रात लोगों ने सूचना दी कि उक्त मकान से दुर्गंध आ रही है. मौके पर पहुंची पुलिस घर का दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हुई. बाथरूम में राजकुमार का कई दिन पुराना सड़ा गला शव मिला. पुलिस का कहना है कि संभवत स्नान करने के दौरान अटैक पड़ने से बुजुर्ग की मौत हुई है. बुजुर्ग पूर्व में एक निजी बैंक में नौकरी करते थे और लगभग 15 साल पहले नौकरी छोड़ दी थी. उनका परिवार से भी विवाद होने की बात प्रकाश में आई है, जिसके चलते वह यहां मकान लेकर अकेले रह रहे थे. मौके पर पहुंची फोरेंसिंक टीम ने साक्ष्य एकत्र कर जांच को भेजे हैं.

कुछ महीने पहले ही खरीदा था फ्लैट निजी बैंक से रिटायर्डकर्मी राजकुमार श्रीवास्तव ने कुछ महीने पहले ही फ्लैट खरीदा था. उनकी पत्नी के अलावा बेटे और बेटियां यहां नहीं रहते थे. पुलिस का कहना है कि जब पुलिस टीम मकान में घुसी तो बाथरूम में राजकुमार अंडरवीयर में जमीन पर पड़े थे. उनका शव फूल चुका था. परिजनों को मामले की सूचना दे दी गई है.

हार्ट के मरीज थे: जांच के दौरान पुलिस टीम को शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. पुलिस ने परिवार वालों से संपर्क किया तो पता चला कि राजकुमार हार्ट के मरीज थे और उनका इलाज चल रहा था. बेटे निखिल ने किसी पर शक नहीं जताया है.

बुजुर्गों के लिए चलाई थी सवेरा योजना: कमिश्नरेट बनने के बाद जनपद में अकेले रह रहे बुजुर्ग लोगों की देखभाल के लिए ऑपरेशन सवेरा योजना चलाई गई थी. इसमें ऐसे लोगों के नंबर पुलिस के बीट कांस्टेबल के पास होने के निर्देश दिए गए थे और समय-समय पर उनका हालचाल जानने की जिम्मेदारी पुलिस को दी गई थी, लेकिन इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि योजना महज दिखावा बनकर रह गई है.

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