उत्तर प्रदेश

Gaziabad: जीडीए उपाध्यक्ष ने म्यूटेशन में तथ्य छिपाने पर बाबू को निलंबित किया

Admindelhi1
8 Aug 2024 4:25 AM GMT
Gaziabad: जीडीए उपाध्यक्ष ने म्यूटेशन में तथ्य छिपाने पर बाबू को निलंबित किया
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सचिव की अध्यक्षता में जांच बैठाई

गाजियाबाद: एक भवन का म्यूटेशन करने के दौरान तथ्यों को छिपाते हुए फाइल आगे बढ़ाने के मामले में जीडीए उपाध्यक्ष ने बाबू को निलंबित कर दिया है. साथ ही इस मामले को विधि अनुभाग के पास भेजते हुए अपर सचिव की अध्यक्षता में जांच बैठाई है.

वहीं, म्यूटेशन के आवेदन को भी निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जीडीए में चार अप्रैल 2024 को जनहित पोर्टल पर शास्त्रत्त्ीनगर के भवन एसडी 408 का म्यूटेशन करने का आवेदन किया गया. इसमें दीपक शर्मा के प्रतिनिधि ने आवेदक का नाम सहक्रेता और उनकी माता मृतका सहक्रेता नानी देवी के स्थान पर सिर्फ उनके नाम दर्ज कराने का आवेदन किया. इस मामले में कनिष्ठ लिपिक ब्रहम सिंह भाटी ने संपत्ति प्रभारी को फाइल भेजने के दौरान तथ्यों को छिपा लिया, जिसमें म्यूटेशन के निर्धारित प्रारूप के बिंदु 16 पर पूर्व में ब्लड रिलेशन में म्यूटेशन होने की बात नहीं बताई गई. इस मामले में जब संपत्ति प्रभारी ने जांच की, तो पाया कि पूर्व में ब्लड रिलेशन में म्यूटेशन होने की बात छिपाई गई है. उन्होंने बाबू ब्रहम सिंह भाटी को बुलाकर पूछा तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसके बाद संपत्ति प्रभारी ने इस भवन की फाइल मंगाई तो पूरा मामला सामने आ गया. फिर संपत्ति प्रभारी ने पूरा मामला जीडीए उपाध्यक्ष के सामने प्रस्तुत कर दिया. जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बाबू ब्रहम सिंह भाटी द्वारा तथ्यों को छिपाने और लापरवाही को देखते हुए निलंबित कर दिया है. जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स का कहना है कि यह गंभीर विषय है. इससे छवि भी खराब होती है.

ऐसे पकड़ में आया: नाम दर्ज की कार्यवाही के सरलीकरण के लिए प्राधिकरण ने 17 बिंदु की चेकलिस्ट निर्धारित की गई है. इसे देखकर ही पता चला कि इस मामले का परीक्षण करते समय बाबू ब्रहम सिंह भाटी ने संपत्ति प्रभारी को पूर्व में ब्लड रिलेशन के आधार पर हुए म्यूटेशन की जानकारी नहीं दी. इस मामले में तथ्य छिपाने के आरोप में बाबू के खिलाफ कार्रवाई की गई.

यह है मामला: इस भवन का पूर्व में भी म्यूटेशन हो चुका है. सूत्र बताते हैं कि 1988 से 90 के दौरान हुए ब्लड रिलेशन में होने वाले म्यूटेशन में स्टांप नहीं लगता था. ऐसे में जिस आवेदक ने इसका म्यूटेशन कराया, उसने फर्जी तरीके से महिला को अपनी बहन दिखाते हुए ब्लड रिलेशन में म्यूटेशन कर दिया था. जबकि अब म्यूटेशन के आवेदन के दौरान इस तथ्य को छिपाया गया.

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