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Gaziabad: कक्षा तीन के छात्रों को परख सर्वेक्षण में आकृति वाले सवालों को समझने में कठिनाई हुई
गाजियाबाद: जिले के स्कूलों में छात्रों के शैक्षिक आंकलन के लिए कराए गए परख सर्वेक्षण में कक्षा तीन के छात्रों को आकृति वाले सवालों को समझने में थोड़ी कठिनाई हुई. इन छात्रों की ओएमआर शीट भी कक्षा में तैनात एफआई से ही भरवाई गई. इससे परीक्षा पूरी कराने में भी समय लगा,जबकि अन्य छात्रों के लिए राहत रही.
राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से देशभर के चुनिंदा स्कूलों में परख परीक्षा कराई गई. गाजियाबाद में 130 सरकारी और निजी स्कूलों की 141 कक्षाओं में परीक्षा हुई, जिसमें लगभग 4200 छात्र शामिल हुए. हर स्कूल में एक ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) और हर कक्षा में एक एफआई (फील्ड इनवेस्टिगेटर) तैनात रहे. परीक्षा का आयोजन डायट ने किया.
परीक्षा में केवल कक्षा तीन, छह और नौ के छात्रों से भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के ही सवाल पूछे गए. पेपर करने में छठी और नौवीं के छात्रों को परेशानी नहीं हुई, मगर कक्षा तीन के छात्रों को गणित और विज्ञान के आकृति वाले सवालों को समझने में कठिनाई हुई. एक स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि यह सवाल काफी उलझाऊ थे. कक्षा में तैनात एफआई को भी इन्हें समझने में समय लगा. इस तरह कई और भी सवाल थे जिन्हें एफआई ने पहले खुद समझा और फिर छात्रों को समझाया. इसके बाद छात्रों से ही जवाब पूछकर ओएमआर शीट पर भरा.
परीक्षा के आयोजन को लेकर काफी समय से तैयारियां चल रही थीं, मगर ऐन वक्त पर परीक्षा के लिए छात्रों का चयन करने से कई जगह परीक्षा समय पर शुरू नहीं हुई. कहीं आधा घंटा तो कहीं एक घंटे की देरी हुई. परीक्षा सुबह 10.30 बजे से होनी थी. एक घंटा पहले पहुंचने के बावजूद छात्रों की हाजिरी तथा अन्य डाटा में अधिक समय लगा. डायट प्रवक्ता पिंटू ने बताया कि परख परीक्षा से दो दिन पहले स्कूलों की ही सूची जारी हुई, जबकि परीक्षा देने के लिए छात्रों का चयन पेपर से ठीक पहले किया गया.
परीक्षा के दौरान राष्ट्रीय ऑब्जर्वर संगीता श्रीवास्तव, उप-प्राचार्य डायट ज्योति दीक्षित, बीएसए ओपी यादव, जिला समन्वयक प्रशिक्षण अरविंद शर्मा, जिला समन्वयक एमआईएस रुचि त्यागी, एसआरजी पूनम शर्मा, विनीता, देवांकुर एवं डाइट मेंटर्स ने अलग-अलग विद्यालयों का दौरा किया. इस दौरान परीक्षा व्यवस्था, सुविधाओं के निरीक्षण किया.
शिक्षकों,प्रधानाचार्यों से भी पूछे गए सवाल
छात्रों के साथ-साथ प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से भी अलग से प्रश्न पूछे गए, जिनका जवाब शीट पर भरवाया गया. प्रधानाचार्यों से योजनाओं के क्रियान्वयन और स्कूल में मौजूद सुविधाओं आदि से जुड़े प्रश्नों के जवाब मांगे तो वहीं शिक्षकों से छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले फॉर्मूलों, तरीकों तथा सिलेबस आदि से जुड़े प्रश्न पूछे.
परिणाम के आधार पर तय होगी जिले की रैंकिंग
परीक्षा का मुख्य उद्देश्य भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषयों में छात्रों की दक्षता का मूल्यांकन करना है. इसके जरिये छात्रों के शैक्षिक आंकलन के साथ-साथ शिक्षकों के शिक्षण कौशल और आगे की रणनीति भी तैयार की जा सकेगी. परीक्षा के आने वाले परिणाम के आधार पर जिले और राज्यों की रैंक भी तय होगी.
कई महीनों से स्कूलों में परख परीक्षा के लिए अभ्यास कराया जा रहा था, ताकि छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहे. उम्मीद है रिजल्ट अच्छा रहेगा.- ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
कक्षा तीन के लिए 90 मिनट का समय छात्रों के के लिए निर्धारित था. इस समय में छात्रों से जवाब पूछकर एफआई ने ओएमआर शीट को भरा. - पिंटू, प्रवक्ता, डायट हापुड़