उत्तर प्रदेश

Gaziabad: राजकीय स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लग रही

Admindelhi1
5 Aug 2024 8:22 AM GMT
Gaziabad: राजकीय स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लग रही
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छात्रों के लिए किसी स्कूलों में बायोमेट्रिक लगी ही नहीं

गाजियाबाद: जिले के कई राजकीय स्कूलों में संसाधन और सुविधा के अभाव में बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी नहीं लग रही है. छात्रों के लिए किसी स्कूलों में बायोमेट्रिक लगी ही नहीं हैं. हालांकि सभी स्कूलों का दावा है कि शिक्षक अनिवार्य रुप से बायोमेट्रिक हाजिरी लगा रहे हैं.

शासन ने राजकीय स्कूलों में सख्ती से बायोमीट्रिक हाजिरी को लागू कराने के निर्देश दिए हैं. जिले में कुल 13 राजकीय इंटर एवं माध्यमिक स्कूल हैं. इनमें साल से ही बायोमीट्रिक से हाजिरी लगाने का नियम लागू किया गया था, मगर जिले के किसी भी स्कूल में छात्रों की हाजिरी बायोमीट्रिक से नहीं लगाई जा रही है, हालांकि वेतन की मजबूरी के चलते कई शिक्षक नियमित रुप से बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगा रहे हैं. वहीं कुछ जगह इसकी अनदेखी भी की जा रही है. ऐसे में शासन ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी को सख्ती से अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं. जहां इसकी अवहेलना की जा रही है वहां जरुरी कार्यवाही करने को भी कहा है.

शासन की ओर से प्रधानाध्यापकों को भी अनिवार्य रूप से शिक्षकों और कर्मचारियों की हाजिरी हर महीने के वेतन बिल के साथ भेजने को कहा है. उसी के आधार पर वेतन बिल पास करने की कार्यवाही की जाएगी. बायोमीट्रिक से हाजिरी नहीं लगाने वाले शिक्षकों और कर्मियों का वेतन रोक लिया जाएगा.

शासन से नहीं मिलता फंड

शिक्षकों का कहना है कि एक बायोमीट्रिक मशीन पर छह हजार तक खर्च होते हैं, मगर शासन से इसके लिए फंड नहीं मिलता है. साथ ही ऑपरेटर की भी जरूरत होती है. फंड और संसाधनों की कमी सेे छात्रों की हाजिरी मैनुअल लग रही है. जीजीआईसी विजय नगर की प्रधानाचार्य डॉ विभा चौहान ने बताया कि स्कूल में लगभग पांच हजार छात्राएं हैं ऐसे में बायोमीट्रिक हाजिरी लगेगी तो पढ़ाई का समय निकल जाएगा.

बिजली कनेक्शन न मिलने से परेशानी

मोदीनगर में साल 23 में बने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हुसैनपुर डीलना में एक साल बाद भी विद्युत कनेक्शन नहीं है. ऐसे में बायोमीट्रिक से हाजिरी लगाने का सवाल ही नहीं उठता. यहां छात्र और शिक्षकों के लिए बिना बिजली के पठन-पाठन का कार्य भी मुश्किल हो रहा है. हालांकि इसमें छात्र संख्या भी कम है. राजकीय स्कूलों की प्रभारी हेमा ने बताया कि विद्युत विभाग को कनेक्शन के लिए पत्र लिखा गया है.

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