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Gaziabad: मिट्टी के ट्रैक पर अभ्यास कर परचम लहरा रहे एथलीट
गाजियाबाद: महामाया स्टेडियम में मिट्टी के ट्रैक पर अभ्यास कर जिले के एथलीट प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत रहे हैं. इन एथलीटों की कड़ी मेहनत और सफलता इस बात का उदाहरण है कि सीमित साधन होने के बावजूद समर्पण और मेहनत से हर चुनौती पार की जा सकती है. यहां रोजाना 25 से 30 एथिलीट अभ्यास करने आते हैं.
गाजियाबाद जनपद की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में होती है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से जिले के खिलाड़ी अपनी अलग पहचान बना रहा है. ट्रैक एंड फील्ड में कई खिलाड़ी प्रदेश स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. यह सभी एथलीट महामाया स्टेडियम में मिट्टी के ट्रैक पर अभ्यास करते हैं.
संजय नगर निवासी एथलीट अंकित त्यागी ने लखनऊ में प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत जिले का मान बढ़ाया था. वे खेलों इंडिया गेम्स में भी भाग ले चुके हैं. अंकित ने बताया कि मिट्टी के ट्रैक पर दौड़ का अभ्यास करने से दिक्कतों भी आती हैं. यहां सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाना चाहिए ताकि स्थानीय खिलाड़ियों को इसका अनुभव हो सके. उनका सपना ट्रैक एंड फील्ड खेल में भारत की तरफ से खेलना है. एथलीट सत्यम ने यूपी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया था. सत्यम ने बताया कि मिट्टी के ट्रैक पर दौड़ने और अभ्यास करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मानसून के समय ट्रैक गीला हो जाता है, जिससे मुश्किल होती है. इसके अलावा शिवम ने भी नॉर्थ जोन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता.
सिंथेटिक ट्रैक और प्रशिक्षक की मांग
जिला एथलेटिक्स संघ के सेक्रेटरी लिखी राम चौधरी ने बताया कि महामाया स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाना चाहिए. ताकि एथिलीट इस पर बेहतर तरीके से अभ्यास कर सकें. एथलेटिक्स की बड़ी प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर ही होती है. जिले के कई एथलीट ने प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन किया है. स्टेडियम में एथलेटिक्स के प्रशिक्षक की भी नियुक्ति होनी चाहिए.
मिट्टी का ट्रैक दोबारा बन रहा
जिला उप खेल क्रीड़ाधिकारी पूनम बिश्नोई ने बताया कि महामाया स्टेडियम में खराब पड़े मिट्टी के ट्रैक को दोबारा से बनाया जा रहा है. ताकि खिलाड़ियों को पुराने ट्रैक से निजात मिल सके.वहीं स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बनाने का प्रस्ताव शासन के पास भेजा हुआ है.