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Gaziabad: सात महीने में राम मंदिर में आया 55 करोड़ चढ़ावा
गाजियाबाद: रामलला के दर्शनार्थियों की प्रत्यक्ष दान समर्पण से अधिक गुप्त दान में रुचि बढ़ी है. इसके कारण आनलाइन व आफलाइन दान की व्यवस्था के सापेक्ष दान पात्र में सर्वाधिक चढ़ावा आया है. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में अप्रैल से अक्तूबर 2024 के मध्य आया-व्यय का लेखा प्रस्तुत किया गया. इसके मुताबिक राम मंदिर के दान पात्र मुताबिक दान पात्र में 55.12 करोड़ का चढ़ावा प्राप्त हुआ. इसके विपरीत विदेशी मुद्रा विनिमय खाते (एफसीआरए) में सबसे कम 0.25 करोड़ का ही दान प्राप्त हुआ.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि के हस्ताक्षर से प्रस्तुत व लेखा परीक्षक द्वारा अनुमोदित इस लेखा-जोखा के मुताबिक अलग-अलग काउंटरों पर रसीदों के जरिए आफलाइन कुल 15.58 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई. इसी तरह बैंकों व पोस्ट आफिस के जरिए आनलाइन कुल 7.59 करोड़ की राशि मिली. इस तरह कुल प्राप्ति 78.53 करोड़ की हुई. इस धनराशि में बैंकों से प्राप्त कुल ब्याज 105.34 करोड़ को मिला कर प्राप्ति का महायोग 183.87 करोड़ रहा. उधर अप्रैल से अक्तूबर 2024 के मध्य सात महीनों में तीर्थ क्षेत्र ने विभिन्न मदों में 253.01 करोड़ व्यय किया. इनमें सर्वाधिक व्यय 179.66 करोड़ मंदिर निर्माण पर रहा. इसी तरह से भूमि/भवन खरीद पर 65.15 करोड़ की धनराशि व्यय की गयी. इसी तरह कैपिटल एसेट पर 3.19 करोड़ व इंफ्रास्ट्रक्चर पर 4.20 करोड़ व्यय किया गया. इसके अतिरिक्त तीर्थ क्षेत्र के स्ट्रक्चर पर 81 लाख का व्यय किया गया. इस तरह कुल व्यय 253.12 रहा. तीर्थ क्षेत्र ने आय के सापेक्ष करीब 69 करोड़ अधिक व्यय किया.
रोज 75 से 80 हजार दर्शनार्थी आ रहे
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय कहते हैं कि रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या औसतन प्रतिदिन 75 से 80 हजार के आसपास है. वह सलाह देते हैं कि बिना पास के सीधे जन्मभूमिपथ से दर्शन करें तो दर्शन ज्यादा अच्छे से होगा और अधिकतम 30-40 मिनट में दर्शन भी हो जाएगा.
भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक आज से
राम मंदिर निर्माण की प्रगति समीक्षा के लिए भवन-निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक को अपराह्न से शुरू होगी. इस बैठक के लिए समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र समिति के मनोनीत सदस्यों के साथ यह मध्याह्न पहुंचेंगे. नयी डेड लाइन के मुताबिक सप्त मंडपम का निर्माण मार्च 2025 व राम मंदिर के तीनों तल शिखर सहित जून 2025 में पूरा हो सकेगा. इसी तरह से शेषावतार मंदिर का निर्माण अगस्त 2025 व परकोटा छह मंदिरों सहित अक्तूबर 2025 में हो पाएगा.