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दोहरे हत्याकांड में गैंगस्टर कोर्ट से तीन अभियुक्तों को 7-7 साल की सजा सुनाई
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में दोहरे हत्याकांड व बलात्कार में बरी होकर भी गैंगस्टर में दोषी घोषित आनुसूचित जाति की 18वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार करने के बाद व छः वर्षीय बालक दोनों की गर्दन काट कर हत्या के अपराध में पैतीस दिन पहले दोष मुक्त हुए चर्चित प्रकरण में तीनो अभियुक्तों को कोर्ट ने आज दोषी सिद्ध कर सज़ा सुनाई है।
यह घटना थाना चरथावल की हैं, दिनाँक 19 दिसंबर 2017को लुहारी गाँव निवासी वादी की 18 वर्षीय पुत्री और छः वर्षीय धेवता दिन मे खेत मे गन्ना छिलने गए थे। लेकिन खेत पर नहीं पहुँचे और रास्ते से ही गायब हो गए, काफ़ी तलाशने पर भी नहीं मिलें तो घटना के अगले दिन दोनों के शव गाँव मे ही तेजवीर के खेत मे मिलें, दोनों शवों मे बिटिया की गर्दन आधी कटी थी जबकि 6 वर्षीय बच्चे की गर्दन धड़ से अलग थी, वादी पिता ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर विवेचना आरम्भ की, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिटिया से बलात्कार की पुष्टि हुई, पुलिस ने गहन विवेचना करते हुए गाँव लुहारी के ही तीन अभियुक्तों मुकम्मिल पुत्र शमशाद, जानू उर्फ़ जान आलम पुत्र यामीन, शराफ़त पुत्र लियाकत को जेल भेजा। घटना की विवेचना तत्कालीन सीओ सदर योगेंदर सिंह ने की और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम ,हत्या,बलात्कार की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया।
गिरोह बनाकर इस जघन्य आपराधिक कृत्य पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल तिवारी ने इन तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट में भी चालान किया। इस गैंगस्टर एक्ट प्रकरण की विवेचना तत्कालीन प्रभारी निरिक्षक थाना छपार ह्रदय नारायण सिंह ने कर तीनो अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र गैंगस्टर कोर्ट में प्रेषित किया, कोर्ट में आरोप तय होने के बाद विचारण में अभियोजन ने डीएम व एसएसपी के निर्देशन में प्रभावी पैरवी की, एसएसपी संजीव सुमन ने अभियोजन के निवेदन पर समय से सभी गवाह न्यायालय में उपस्थित कराने में अहम भूमिका अदा की।
अभियुक्तों ने कोर्ट में दौरान बहस अपने हत्या,बलात्कार के मूल अभियोग अपर सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट कोर्ट संख्या दो से दोष मुक्त होने का हवाला दिया वहीं अभियोजन ने पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़ी तथा बहस में उच्चत्म न्यायालय की नजीरें प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा।
पीड़ित को न्याय दिलाने में अभियोजन पक्ष सफल रहा और गेंगेस्टर जज अशोक कुमार ने गिरोह बनाकर अनुसूचित जाति की 18वर्षीय युवतीके साथ बलात्कार करने के बाद 6 वर्षीय बालक सहित दोनों की गर्दन काट कर नृशंश हत्या के अपराध में आज तीनो अभियुक्तों मुकम्मिल, जानू उर्फ़ जानआलम व फद्दड उर्फ़ शराफ़त को दोष सिद्ध कर सज़ा सुनाई है। तीनो अभियुक्त मूल अभियोग में अपर सत्र न्यायाधीश एस सी,एसटी कोर्ट संख्या दो से विगत माह 10अप्रैल को ही दोष मुक्त हो चुके थे। परन्तु गैंगस्टर के अभियोग में जमानत न होने के कारण जेल में निरुद्ध थे,मामले की पैरवी -संदीप सिंह वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर व राजेश शर्मा ने की।