उत्तर प्रदेश

गंगाजल के वायरस फाज से होगा बैक्टीरिया का इलाज

Admindelhi1
19 Feb 2024 5:58 AM GMT
गंगाजल के वायरस फाज से होगा बैक्टीरिया का इलाज
x
बैक्टीरिया का इलाज

आगरा: गंगाजल वर्षों तक सुरक्षित क्यों रहता है? उसमें बदबू नहीं आती, कीड़े भी नहीं पड़ते. इसका कारण है गंगाजल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया फाज. यह एक प्रकार के वायरस होते हैं जो बैक्टीरिया को खत्म करते हैं. विज्ञानी अब इसी पानी से बैक्टीरिया फाज लेकर बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज करने पर शोध कर रहे हैं. आने वाले सालों में इससे बनी दवाएं बाजार में नजर आएंगी.

एम्स ऋषिकेश में माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. बलराम ओमर ने बताया कि उनके संस्थान के विज्ञानी इस पर कई सालों से शोध कर रहे हैं. गंगाजल में बैक्टीरिया फाज की अधिकता होती है. इसीलिए उस पर किसी प्रकार के बैक्टीरिया का कोई असर नहीं होता. प्लास्टिक की बोतलों में यह पानी वर्षों तक सुरक्षित रहता है. तमाम लोग इसे सीधे भी पेयजल के रूप में इस्तेमाल करते हैं. एम्स ने अब इसी से दवाई बनाने की तैयारी कर ली है. इस पानी में पाए जाने वाले तमाम बैक्टीरिया फाज की काकटेल बनाई जा रही है.

इसे कई तरह के जख्मों पर लगाकर प्रयोग किए जा रहे हैं. अभी तक के नतीजे संतोषजनक हैं. यानि भविष्य में हम एंटीबायोटिक के विकल्प के रूप में गंगाजल के वायरस से बनी दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं. इसका फार्मूला जल्द बनकर तैयार हो सकता है. डा. ओमर के मुताबिक देश में अधिक बीमारियां फैलाने वाले मुख्यत 30 बैक्टीरिया हैं. इनसे निमोनिया, यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन, आईसीयू संबंधी, क्रिटिकल केयर संबंधी, सर्जिकल साइट इन्फेक्शन होते हैं.

● मैथीसिलीन रजिस्टेंस स्टेफाइलोकाकस ओरियस- यह नाक में टोंसिल पैदा करता है या नाक में किसी भी तरह के संक्रमण के लिए जिम्मेदार है.

● कार्बानियम रजिस्टेंस एंट्रो बैक्टीरियल्स- इसकी आकृति लोहे की राड जैसी होती है. यह निमोनियां या उस जैसी दिक्कतों को पैदा करता है.

● स्नैटो बैक्टर- यह गोल आकार का बैक्टीरिया है. अधिकतर अस्पतालों की वेंटीलेयर ट्यूब्स में मिलता है, वहीं से संक्रमण मरीजों में फैलता है.

● सीडोनोमास- यह जले और कटे वाले मरीजों में बहुत तेजी से पनप जाता है. यह छूने, पास आने से लेकर हवा के जरिए भी फैल सकता है.

Next Story