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कौशांबी: बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी होने का दावा जिला प्रशासन ने किया है। तैयारियों में 24 घंटे संचालित होने वाला बाढ़ कंट्रोल रूम शुरू करा दिया गया है। गंगा-यमुना नदी के किनारे के गांव में 25 बाढ़ चौकियां एवं राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। बाढ़ के दौरान दवाइयों का भंडारण कर 7 डाक्टरों को ज़िम्मेदारी सौपी गई है। अफसरों के मुताबिक, जनपद के किनारे से बहने वाली गंगा और यमुना नदी फिलहाल खतरे के निशान से 7 व 10 मीटर नीचे बह रही है। नदियों के जलस्तर पर नज़र रखी जा रही है।जनपद के भौगोलिक स्वरूप गंगा यमुना नदियों के द्वाब सरीके हैं। इस लिहाज से बाढ़ की हालत में 3 तहसील की 241 गांव प्रभावित होते हुए बिना नहीं रहते। सरकारी आंकडे पर नज़र डालें तो जनपद में गंगा नदी 50 किलोमीटर के प्रवाह, यमुना नदी 91 किलोमीटर के प्रवाह, बरसाती नदी ससुर खदेरी 100 किलोमीटर के प्रवाह एवं किलनहाई नदी 36 किलोमीटर के प्रवाह एरिया से होकर गुजरती है। ऐसे में बरसात के दिनों में इन नदियों की खास निगरानी शुरू की जाती है।
आपदा विभाग से मिले आंकडे बताते हैं कि जनपद में बाढ़ की हालत में 241 गाव, जिसमे चायल तहसील के 67, मंझनपुर तहसील के 78, एवं सिराथू तहसील के 96 गाव सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। बाढ़ से प्रभावित होने वाली जनसंख्या की बड़ी तादात 15,99,596 के करीब बताई जा रही है। जिसमे 838485 पुरुष एवं 761111 महिलाए शामिल होती है। मवेसियों को लेकर विभाग ने जानकारी देते हुए इनकी संख्या 5,30,898 बताई। जिसमे गौवंश (गाय) 176495 व महेशवंश (भैस) 3,64,403 है।जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण जयचंद्र पाण्डेय ने बताया, जनपद मे बाढ़ के हालत पर नज़र रखी जा रही है। गंगा यमुना नदी खतरे के निशान के क्रमश 7 व 10 मीटर नीचे बह रही है। सिचाई विभाग के अफसरो को नदियो के बढ़ते जलस्तर पर निगरानी के निर्देश दिये गए है। आपदा विशेषज्ञ की टीम को सक्रिय कर तहसील वार चायल मे 39, मंझनपुर मे 134 एवं सिराथू मे 80 नाव की उपलब्धता कराई गई है। 253 नाविक एवं 16 गीतखोर चिन्हित कर उन्हें हर समय तैयार रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।