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लड़कियां बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, राजू व पूजा बन रैकेट चला रहे दंपति समेत छह गिरफ्तार
कानपूर न्यूज़: नाबालिग लड़कियों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दंपति समेत छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. लक्ष्मीपुरवा निवासी एक किशोरी की गुमशुदगी की विवेचना करते हुए पुलिस गिरोह तक पहुंची, तब पता चला कि 57 दिनों में किशोरी को चार बार बेचा गया. इस दौरान उसके साथ 10 लोगों ने रेप किया.
लक्ष्मीपुरवा निवासी एक पिता ने 16 नवम्बर 2022 को रायपुरवा थाने में तहरीर दी कि उनकी 14 साल की बेटी नौ नवम्बर को घर से दूध लेने निकली थी, तब से लापता है. शक जताया था कि दादानगर की कच्ची मड़ैया बस्ती निवासी आफरोज अली से बेटी की बात होती थी. वही उसे ले गया है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज किया था.
मोबाइल के जरिए बदायूं पहुंची पुलिस: डीसीपी सेन्ट्रल रवींद्र कुमार ने बताया कि पुलिस फोन के जरिए बदायूं पहुंची तो पता चला कि नंबर किसी सब्जी वाले का है. किशोरी किसी दिन सब्जी खरीदने के बहाने उसके पास पहुंची थी और फोन मांगकर घर पर कॉल की थी. सब्जी वाले से पता चला कि किशोरी कलिया काजिमपुर इलाके के नत्थूलाल के यहां रह रही है. इससे पुलिस नत्थूलाल तक पहुंच गई, जहां से किशोरी बरामद हो गई. नत्थूलाल ने बताया कि किशोरी को 70 हजार में खरीदा था. सबसे शर्मनाक खुलासा यह हुआ कि नत्थूलाल के बाद उसके बेटे ने भी किशोरी के साथ रेप किया. नत्थूलाल ने पुलिस को बताया कि उससे पहले तीन लोगों ने किशोरी को खरीदा था. वे कौन लोग थे, इसकी जानकारी किशोरी नहीं दे पाई.
ऐसे हत्थे चढ़ गए गिरोह के सदस्य: नत्थू के जरिए पुलिस को सराय अगहत, एटा निवासी इकबाल उर्फ राजू और उसकी पत्नी चांदनी उर्फ पूजा के बारे में पता चला. उनकी गिरफ्तारी से पता चला कि चांदनी ही किशोरी को फुसलाकर अपने साथ ले गई थी. फुटेज में वही कैद थी. यही दंपति पूरे गिरोह को चला रहे थे. इनकी निशानदेही पर हरेंडी बदायूं निवासी धनपाल, भकरौली बदायूं निवासी गुड्डू, नई बस्ती भौती कीलापुर, शाहजहांपुर निवासी हरि सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया. वहीं, पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने छह और नाबालिगों को बिहार और झारखंड से बदायूं, शाहजहांपुर व आसपास के जिलों में बेचने का अपराध कबूला है. किशोरियों को 50-60 हजार रुपये में बेचा गया है. डीसीपी ने बताया कि सभी नाबालिग हैं, उनका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.
नाम बदलकर घटना को अंजाम देता था: डीसीपी ने बताया कि गिरोह का सरगना इकबाल उर्फ राजू अपने उपनाम का ज्यादा इस्तेमाल करता है. वह धर्म छिपाकर घटना को अंजाम देता है. आरोपित धनपाल का काम ग्राहकों को खोजना था. गुड्डू और हरि सिंह बिचौलिया की भूमिका में रहते थे. ग्राहकों से पैसे भी यही लाते थे.
एफआईआर में बढ़ी धारा: डीसीपी सेन्ट्रल ने बताया कि इस मामले में धारा 363 और 366 के अलावा 354 (छेड़छाड़), 370 (मानव तस्करी), 370 ए (नाबालिग को यौन शोषण के लिए संलग्न करना), 372 (नाबालिग को देहव्यापार करने पर मजबूर करना), 373 (देहव्यापार के लिए नाबालिग की खरीद फरोख्त) और पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की गई है. सभी आरोपितों को जेल भेज दिया है.
एक फोन कॉल और सीसीटीवी से खुला मामला" पुलिस ने आफरोज को उठाकर पूछताछ की मगर कोई सुराग हाथ नहीं लगा. दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में किशोरी ने परिवार वालों को फोन कर बदायूं में होने की जानकारी दी. इससे पुलिस को वह मोबाइल नम्बर मिल गया, जिससे किशोरी ने फोन किया था. इसके बाद पुलिस ने उस परचून की दुकान के आसपास का सीसीटीवी फुटेज देखना शुरू किया, जहां दूध लेने गई थी. अनवरगंज स्टेशन के पास एक सीसीटीवी फुटेज में किशोरी को एक महिला ले जाती दिखी. इसके बाद पुलिस ने उस नम्बर को ट्रेस कराया, जिससे किशोरी ने फोन किया था. साथ ही महिला के बारे में जानकारी जुटाई.