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बिजली निगम में चेक की आड़ में 8 करोड़ का 'खेल', जांच के आदेश
गोरखपुर न्यूज़: बिजली निगम में चेक के जरिए करीब 8 करोड़ के 'गोलमाल' का मामला सामने आने से हड़कंप मचा है. यह खेल सुनियोजित तरीके से बाउंस हुए 792 चेकों की फाइलों को दबा देने से जुड़ा है. चेक बांउस होने के बाद भी कैशियरों ने बाउंस चेक की राशि को बकाएदारों के कनेक्शन आईडी पर चार्ज नहीं किया.तमाम बकाएदारों ने बिल भुगतान की रसीद के माध्यम से कनेक्शन भी परमानेंट डिस्कनेक्ट करा लिए.
पूर्वांचल वितरण निगम के निदेशक वित्त ने 18 जनवरी को खण्डों के बैंक समाधान विवरण की समीक्षा के दौरान यह गोलमाल पकड़ा. उन्होंने जोन के उप मुख्यलेखाधिकारी से एक-एक चेक का सत्यापन व रोकड़ बहीं में दर्ज ब्योरे की जांच कराकर 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है.
इस मामले में निदेशक ने स्पष्ट कहा है कि जांच में सहयोग व अभिलेखिय दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराने वालों की नामावली भी भेजे. उप मुखलेखाधिकारी की टीम जोन के खण्डों में जाकर रोकड़ बही में दर्ज चेकों का विवरण और उसे जमा करने वालों की आईडी की जांच कर रही है. जांच में तमाम कर्मचारियों की गर्दन फंस रही है. अभियंता भी इसकी जद में आ रहे हैं. दरअसल, बांउस चेक का यह खेल 2019-20 में हुआ था. सर्वाधिक 483 चेक धनराशि 4 करोड के बाउंस चेक प्रकरण ग्रामीण वितरण खण्ड प्रथम के है.
वितरण खण्ड चेक की संख्या धनराशि:
ग्रामीण वितरण खण्ड प्रथम 483 चेक 4.09 करोड़
बरहज वितरण खण्ड 02 चेक 2.41 लाख
कुशीनगर वितरण खण्ड 92 चेक 1.53 करोड़
सेवरही वितरण खण्ड 104 चेक 1.47 करोड़
नौतनवा वितरण खण्ड 05 चेक 6.11 लाख
नगरीय वितरण खण्ड प्रथम 05 चेक 39.65 लाख
नगरीय वितरण खण्ड द्वितीय 99 चेक 40.73 लाख
नगरीय वितरण खण्ड तृतीय 01 चेक 15 हजार
निदेशक वित्त के निर्देश पर बांउस चेक प्रकरण की जांच की जा रही है. रोकड़ बही में दर्ज ब्योरा व बकाएदारों की कनेक्शन आईडी की भी जांच की जा रही है. ताकि यह पता चल सके कि बांउस चेक की राशि बकाएदारों के खाते में चार्ज की गई है या नहीं. जांच के बाद ही स्पष्टतया कुछ कहा जा सकेगा.
- मनोज वर्मा, उपमुख्य लेखाधिकारी