उत्तर प्रदेश

असल प्रतिष्ठान में जालसाजों की 'आसमानी' सेंधमारी, उड़ा रहे रकम

Ritisha Jaiswal
9 July 2022 8:16 AM GMT
असल प्रतिष्ठान में जालसाजों की आसमानी सेंधमारी, उड़ा रहे रकम
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जालसाज रोजाना ही ठगी के लिए नया जाल बिछा रहे हैं। अब गोरखपुर में गूगल एकाउंट की मदद से जालसाजी के मामले आने पर पुलिस की नींद उड़ गई है।

जालसाज रोजाना ही ठगी के लिए नया जाल बिछा रहे हैं। अब गोरखपुर में गूगल एकाउंट की मदद से जालसाजी के मामले आने पर पुलिस की नींद उड़ गई है। जालसाज किसी के प्रतिष्ठान के नाम-पता के आगे अपना गूगल नंबर डाल रहे तो किसी पर क्यूआर कोड लगाकर रुपये उड़ा रहे हैं।

इसकी जानकारी व्यापारी को भी तब हो रही है, जब पीड़ित सामान की डिलिवरी न होने की शिकायत लेकर आ रहा है। हालांकि, रकम छोटी होने की वजह से व्यापारियों ने केस दर्ज नहीं कराया है, लेकिन मामला सामने आने पर साइबर पुलिस लोगों को जागरूक करने के साथ ही जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया फेक एकाउंट, हैक, कोड पूछकर जालसाजी की घटनाएं आम हो चुकी हैं। यही वजह है कि जालसाज अब नया हथकंडा अपना रहे हैं। इसके लिए वह व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं। किसी ने गूगल मैप पर अपनी दुकान, अस्पताल, विद्यालय व कार्यालय का पता लोकेट किया तो उसका गूगल बिजनेस एकाउंट खुल गया। जिन लोगों ने अपनी फर्म के प्रचार व व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एकाउंट खोला है तो ऐसे 95 प्रतिशत लोगों के गूगल बिजनेस एकाउंट सुरक्षित नहीं हैं। जालसाज ऐसे ही एकाउंट को एडिट कर रकम उड़ा रहे हैं।
ऐसे करते हैं जालसाजी
आमतौर पर गूगल पर लोग अस्पताल, दुकान या फिर जहां कहीं खरीदारी करनी होती है, गूगल पर सर्च करते है। इसी का फायदा जालसाज उठा रहे हैं और प्रतिष्ठान के एकाउंट के सजस्टेड एडिट ऑब्शन में जाकर उस पर मोबाइल नंबर डाल रहे हैं। ऐसे में कोई उत्पाद खरीदने या डॉक्टर के यहां नंबर लगवाने के लिए कोई फोन करता तो वह कॉल जालसाज के पास जाती है। जालसाज फोन पर उपभोक्ताओं को झांसे में लेकर ठगी करते हैं। इससे प्रतिष्ठान स्वामी को पता भी नहीं चलता है कि उनके फर्म के नाम पर ठगी हो रही है। जब पीड़ित फर्म पर पहुंचता है तो व्यापारी या डॉक्टर को इसकी जानकारी होती है।
गोरखपुर जिले में तीन लाख के करीब बिजनेस एकाउंट
साइबर पुलिस के मुताबिक, जिले में करीब तीन लाख लोगों के गूगल बिजनेस एकाउंट हैं। जालसाज चुनिंदा व्यापारियों को निशाना बनाकर जालसाजी कर रहे हैं और फिर उन्हें मालूम होने के बाद दूसरों को निशाना बना लेते हैं। साइबर पुलिस का कहना है कि यही वजह है पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। फर्म पर जाकर पुलिस एकाउंट को लॉक करा रही है। एकाउंट लॉक कर ही जालसाज से बचा जा सकता है।
केस एक
गोलघर स्थित एक बेकर्स के गूगल बिजनेस एकाउंट में जालसाज ने अपना मोबाइल नंबर डाल दिया। उसने आर्डर लेने के नाम पर रुपये गूगल पे करा लिया। जब आर्डर नहीं पहुंचा तो लोग शिकायत करने पहुंचे। कई दिन इस तरह की शिकायतें सामने आने के बाद व्यापारी ने 10 दिन पहले साइबर पुलिस को सूचना दी है। जांच में पता चला कि जालसाज ने नंबर अपना डाल दिया था। एकाउंट लॉक कर पुलिस जांच में जुटी है।
केस दो
बरगदवां स्थित एक नर्सिंग होम पर नंबर लगवाने के नाम पर जालसाजी हुई है। इसमें भी जालसाज ने ऐसा ही कुछ किया था। अस्पताल के गूगल बिजनेस एकाउंट पर किसी ने अपना मोबाइल नंबर लगा दिया और डॉक्टर के यहां नंबर लगाने के नाम पर लोगों को ठगता रहा। कई लोग नंबर लगाने का दावा कर पहुंचे तो अस्पताल प्रबंधक को जानकारी हुई। अब शिकायत के आधार पर पुलिस जांच में जुटी है।
डीआईजी जे रविंद्र ने कहा कि इस तरह की जालसाजी के मामले सामने आए हैं। साइबर टीम रोजाना ही जागरुकता कार्यक्रम भी कर रही है। लोग अपने फेसबुक, जीमेल एकाउंट को सुरक्षित कर रहे हैं। ताकि, उनकी डिटेल व प्रोफाइल को कोई एडिट न कर सके। इसी तरह लोगों को गूगल बिजनेस एकाउंट को भी सुरक्षित करना होगा। एकाउंट लॉक नहीं होगा तो जालसाज रुपये की जालसाजी कर लेंगे। साथ ही फर्म की भी बदनामी होती है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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