उत्तर प्रदेश

वैशाली के महालक्ष्मी टावर स्थित कार्यालय में मिले जालसाज ने फर्जी टिकट

Admindelhi1
5 April 2024 5:42 AM GMT
वैशाली के महालक्ष्मी टावर स्थित कार्यालय में मिले जालसाज ने फर्जी टिकट
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खाड़ी देशों में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी

गाजियाबाद: खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी हुई है. वैशाली के महालक्ष्मी टावर स्थित कार्यालय में मिले जालसाज ने फर्जी टिकट, ऑफरलेटर देकर पैसे ऐंठे और फिर फर्जी वीजा देकर लोगों को एयरपोर्ट पर भेज दिया. जनवरी को दी शिकायत पर दो माह बाद थाना कौशांबी में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि आकाश वालिया, शेरू अहमद, अरुलेश कुमार पटेल और रोहित कुमार पटेल ने शिकायत दी थी. जांच के बाद उस्मान खान के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है. उस्मान ने महालक्ष्मी टावर के तीसरे तल पर कंसल्टेंसी और ट्रेवल एजेंसी के नाम से कार्यालय खोला था. उसने सऊदी अरब, कुवैत और अजरबैजान समेत खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने का सोशल मीडिया पर विज्ञापन डाला था. विज्ञापन देखकर पीड़ितों ने संपर्क किया.

पीड़ितों के अनुसार, कार्यालय में बुलाकर बताया कि एक व्यक्ति को विदेश भेजने के लिए मेडिकल जांच, वीजा और टिकट के रूप में 65 से 80 हजार रुपये तक खर्च होंगे. इसके बाद पीड़ितों को फर्जी ऑफरलेटर भेजकर रुपये ले लिए गए. आरोपी ने पासपोर्ट की मूल प्रति ले ली और अलग-अलग देशों के टिकट और वीजा देकर पीड़ितों को दिल्ली स्थित इंदिरागांधी एयरपोर्ट भेज दिया गया. यहां पहुंचने पर चला कि टिकट और वीजा फर्जी है. पीड़ित एजेंसी के कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला. आरोपी का मोबाइल नंबर भी बंद आया तो जनवरी को शिकायत दी. एसीपी ने बताया कि मोबाइल नंबर और कार्यालय किराये पर देने वाले से पूछताछ कर जालसाज को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

जनवरी में ही हुई थी एक और ठगी जनवरी में ही करीब दो दर्जन लोगों ने थाना कौशांबी में अजरबैजान में नौकरी के नाम पर ठगी के आरोप में अजय, गंगासागर, नीतू और आशुतोष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इन्होंने भी महालक्ष्मी टावर में कार्यालय खोला था. लाख रुपये से अधिक की ठगी की बात सामने आई थी. इसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.

यूपी के युवा निशाने पर एसीपी का कहना है कि इन दोनों मामलों में 90 फीसदी से अधिक पीड़ित यूपी के हैं. अब तक की छानबीन में सामने आया है कि आरोपी सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर इसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं.

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