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- एनओसी के फेर में फंसा...
गोरखपुर न्यूज़: वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने से जंगल कौड़िया-जगदीशपुर तक 26 किलोमीटर फोरलेन बाईपास का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. यह हाल तब है जब डेढ़ माह पहले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों शिलान्यास भी हो चुका है. इतना ही नहीं टेंडर भी हो चुका है.
एनएचआई ने बीते दिनों भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होने के बाद टेंडर जारी कर दिया था लेकिन अभी तक उन किसानों के खाते में मुआवजा नहीं पहुंचा जिनकी जमीन इस फोरलेन में जा रही है. एनएचएआई का कहना है कि वन विभाग की तरफ एनओसी मिलते ही मुआवजे का वितरण कर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा. इस फोरलेन के बन जाने से न सिर्फ यातायात की सुविधा अच्छी हो जाएगी, बल्कि शहर के उत्तरी क्षेत्र में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी. इस प्रोजेक्ट में जगदीशपुर गांव के किसान योगेश, विमलेश और दीनदयाल की भी जमीन अधिग्रहीत की गई है. इन किसानों का कहना है कि अभी तक मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ. एनएचएआई के परियोजना निदेशक भवेश कुमार अग्रवाल का कहना है वन विभाग से अभी एनओसी नहीं मिली है. एनओसी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा.
82 किलोमीटर का रिंग रोड पूरा हो जाएगा
गोरखपुर-लखनऊ मार्ग पर कालेसर से लेकर जगदीशपुर तक 37 किमी फोरलेन बन चुका है. वहीं कालेसर से जंगल कौड़िया तक 537 करोड़ रुपये की लागत से बना 17.66 किमी बाईपास भी चालू हो चुका है. अब जंगल कौड़िया से लेकर जगदीशपुर तक 26 किमी फोरलेन बनने के साथ ही गोरखपुर का करीब 82 किमी लंबा रिंग रोड पूरा हो जाएगा.
आईएसबीटी का सपना होगा साकार
रिंग रोड बनने से आईएसबीटी का सपना भी साकार होगा. प्रमुख शहरों के लिए बसें आईएसबीटी के लिए प्रस्तावित स्थल कालेसर से ही मिलेंगी.