उत्तर प्रदेश

अनुसूचित जाति के परिवार पर हमले के मामले में चार सगे भाइयों को मिली सजा

Admin4
24 Nov 2022 6:25 PM GMT
अनुसूचित जाति के परिवार पर हमले के मामले में चार सगे भाइयों को मिली सजा
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चित्रकूट। अनुसूचित जाति के परिवार पर हमला करने में न्यायालय ने चार सगे भाइयों को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक को आठ हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया। विशेष लोक अभियोजक जगत पाल ने बताया कि मऊ थाना की शेसा सुबकरा निवासी अनुसूचित जाति की महिला दुईजी पत्नी भखानंद ने आठ मार्च 2010 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पीड़िता के अनुसार, आठ मार्च की सुबह कुछ लोगों के आने की आहट मिलने पर वह पति के साथ कमरे से बाहर निकली। देखा कि पडोसी गांव तिलौली निवासी राधेश्याम, दीपनारायण, विद्यासागर, लक्ष्मीनारायण, बालकृष्ण, अश्वनी कुमार, गोलू एवं बृजेश उसकी झोपड़ी में आग लगाकर जा रहे थे।
पति के आग लगाने का कारण पूछने पर गालीगलौज करते हुए मारपीट की। पति मौके पर ही बेहोश हो गया। शोर मचाने पर उसका पुत्र छेदीलाल, बहू बिटोल आदि भी मौके पर आ गए। इस पर हमलावरों ने सभी को पीटा और रिपोर्ट कराने पर पूरे परिवार को मार देने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के स्पेशल जज दीप नारायण तिवारी ने गुरुवार को निर्णय सुनाया। कोर्ट ने धारा 323, 147 व 325 के तहत दोषसिद्ध होने पर राधेश्याम, बालकृष्ण, विद्यासागर, लक्ष्मीनारायण पुत्रगण बालानाथ मिश्र को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास और प्रत्येक को आठ-आठ हजार रुपये अर्थदंड दिया।
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