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जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए पूर्व शिक्षकों की मदद ली जाएगी. इन शिक्षकों को मेंटर बनाया जाएगा. साथ ही इनका शिक्षक साथी समूह बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से कई अन्य काम भी करेंगे. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया.
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. निपुण भारत अभियान के तहत बच्चों के पढ़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के साथ ही शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए पूर्व शिक्षकों की भी मदद ली जाएगी.
शासन के आदेश अनुसार पूर्व शिक्षकों का एक समूह बनाया जाएगा. सभी शिक्षक स्कूलों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण और लर्निंग आउटकम के सापेक्ष में बच्चों में सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए काम करेंगे.
उनका कहना है कि प्रेरणा ऐप की रिपोर्ट के आधार पर ही भत्ता देय होगा. शिक्षक साथियों का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और हर वर्ष परफॉर्मेंस के आधार पर इसका नवीनीकरण किया जाएगा.
शिक्षक साथियों को न्यूनतम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन प्रेरणा ऐप के माध्यम से करना होगा और इसकी रिपोर्ट जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से बीएससी और डायट प्राचार्य को भेजी जाए.
इस प्रकार से होगा चयन अधिकारियों ने बताया कि साथी के चयन के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन किया जाएगा. इसमें परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष तक शिक्षण अनुभव रखने वाले रिटायर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे. रिटायर होने से 70 वर्ष की आयु तक आवेदन किया जा सकेगा. राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी. हर ब्लॉक या नगर क्षेत्र में चयन की अधिकतम संख्या का निर्धारण नहीं किया गया है, सभी योग्य शिक्षक आवेदनकर्ताओं को शामिल किया जा सकता है. जनपदीय चयन समिति द्वारा आवश्यकता आधारित ब्लॉक का आवंटन किया जाएगा.
Tara Tandi
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