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घोटाले में पूर्व एसडीएम व तहसीलदार फंसे, 21 लेखपालों को क्लीन चिट
कानपूर न्यूज़: पारिवारिक लाभ और शादी अनुदान घोटाले में एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ जांच के दौरान शासन ने जवाब तलब किया है. वहीं, निलंबित 21 लेखपालों को क्लीनचिट दे दी गई है. अहम बात है कि कई प्रमोशन पाकर जिले में ही नौकरी कर रहे हैं. पूर्व डीएम आलोक तिवारी की कार्रवाई को अफसरों ने दबा दिया. 409 आवेदन फर्जी मिलने के बावजूद कुछ नहीं किया जा रहा है. फर्जी रिपोर्ट लगाने के बावजूद लेखपालों पर कार्रवाई नहीं हुई.
इससे पहले पूर्व तहसीलदार और वर्तमान में एसडीएम अतुल कुमार ने जांच के नाम पर 19 लेखपालों को उनके बयान पर ही बहाल कर दिया था. जानकारी होने पर पूर्व डीएम आलोक तिवारी ने तत्कालीन एसडीएम सदर से तहसीलदार और 19 लेखपालों के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थीं.यह था मामला 2021 मई में पहली बार जांच हुई तो शादी अनुदान योजना में 706, जबकि पारिवारिक लाभ योजना में 1106 लोगों के पते गलत मिले. 204 अपात्र पाए गए. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण अधिकारी को निलंबित कर दिया गया, लेकिन जब बात तहसीलदार, एसडीएम तक आई तो दोबारा जांच कराई गई. दावा किया गया कि कुल 409 अपात्र मिले हैं. इनमें 198 लाभार्थी पारिवारिक लाभ योजना के हैं. शादी अनुदान के 211 लाभार्थी अपात्र थे.
36 कर्मचारी-अधिकारी फंसे फर्जीवाड़े में दो नायब तहसीलदार, एक तहसीलदार, 21 लेखपाल, आठ कानूनगो, दो अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग विभाग के दो उप निदेशक, समाज कल्याण अधिकारी समेत 36 फंसे. समाज कल्याण अधिकारी बाद में शासन की जांच में बरी हुए.