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पूर्व जजों ने भी लिखी थी CJI को चिट्ठी, यूपी में बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जमीयत की याचिका पर सुनवाई
लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ एक याचिका सुनेगा याचिका मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने दायर की है। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से लोगों का घर तोड़ने या ध्वस्त करने में उत्तर प्रदेश सरकार को कानून का पालन करने का निर्देश देने की अपील की है। जमीयत ने गैर कानूनी तरीके से बुलडोजर चलवाने वाले अफसरों पर कार्रवाई की भी मांग की है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग हाईकोर्ट के कुल 6 रिटायर्ड जजों ने 6 दूसरे वकीलों के साथ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा को एक पत्र लिखकर यूपी में मुसलमानों के दमन का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले का स्वतः संज्ञान लेने की अपील की थी। पत्र में कहा गया था कि आरोपियों को बिना सुने, बिना कोई मौका दिए, इस तरह के एक्शन कानून के खिलाफ हैं और कोर्ट को इस मामले को खुद देखना चाहिए।
बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर पर विवादित बयान को लेकर कानपुर और फिर प्रयागराज में मुसलमानों ने जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ हुई जिसको लेकर काफी लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें ही एक प्रयागराज के जावेद पंप हैं जिनका 5 करोड़ का बताया जा रहा घर बुलडोजर से गिरा दिया गया। बुलडोजर विरोधियों का कहना है कि घर जावेद पंप की बीवी के नाम पर था इसलिए जावेद के आरोपी होने की वजह से पत्नी की संपत्ति को गिराना गैर-कानूनी है।