उत्तर प्रदेश

यूपी के मदरसों में पहली बार धूमधाम से मनेगा आजादी का जश्न, ऐसी है तैयारी

Renuka Sahu
10 Aug 2022 1:39 AM GMT
For the first time in the madrasas of UP, the celebration of independence will be celebrated with pomp, such is the preparation
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फाइल फोटो 

उत्तर प्रदेश के मदरसों में इस दफा पहली बार 15 अगस्त को पठन-पाठन की समयावधि के दौरान देशभक्ति के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के मदरसों में इस दफा पहली बार 15 अगस्त को पठन-पाठन की समयावधि के दौरान देशभक्ति के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। राज्य के 558 अनुदानित, 16500 से अधिक मान्यता प्राप्त और गैर अनुदानित और आधुनिक मदरसा योजना में संचालित मदरसों व मिनी आईटी आदि में स्वतंत्रता दिवस पर न केवल तिरंगा फहराया जाएगा बल्कि देशभक्तिपूर्ण विविध कार्यक्रम भी होंगे।

उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तेखार अहमद जावेद जिले-जिले भ्रमण कर मदरसों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारी का जायजा ले रहे हैं। उनका दावा है कि प्रदेश की अन्य शिक्षण संस्थाओं के मुकाबले किसी भी सूरत में मदरसे के बच्चे कमतर नहीं होंगे।
इस बाबत उन्होंने सभी मदरसा प्रबंधकों के लिए एक अपील भी जारी की है। इस अपील में कहा गया है कि आगामी 13-15 अगस्त तक हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अन्य देशवासियों के साथ-साथ मदरसों की भी अग्रणी एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही है, स्वतन्त्रता सेनानियों को याद रखना तथा उनके बलिदान से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराना न केवल उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति हमारा नैतिक कर्तव्य है बल्कि समय की मांग भी है।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना मदरसों को भेजी गई हैं, जिसके तहत मदरसों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डॉ. जावेद ने उत्तर प्रदेश के समस्त राज्यानुदानित एवं मान्यता प्राप्त मदरसों के समस्त प्रबन्धकों, प्रधानाचार्यों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप अपने स्तर से इन कार्यक्रमों को अधिक अच्छे एवं आकर्षक ढंग से मनाएं, इन कार्यक्रमों में क्षेत्र के सम्मानित जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आम नागरिकों की सहभागिता भी सुनिश्चित करायें जिससे मदरसों का सन्देश व्यापक रूप से जनता और समाज में जाएं।
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