उत्तर प्रदेश

देश में पहली बार GSVM मेडिकल कॉलेज में किया मधुमेह मरीज का इलाज, जानिए कैसे हुआ यह कमाल...

Shantanu Roy
31 Aug 2022 11:57 AM GMT
देश में पहली बार GSVM मेडिकल कॉलेज में किया मधुमेह मरीज का इलाज, जानिए कैसे हुआ यह कमाल...
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बड़ी खबर
कानपुर। मधुमेह वह बीमारी है जिससे शरीर सही तरह से इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाता है। आज इस बीमारी देशभर में लोग पीड़ित है। लोगों को इस बीमारी से बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह ऐसी बीमारी थी जिसका कोई इलाज भी नहीं था। लेकिन अब देश में पहली बार यूपी के कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने कमाल कर दिखाया है। मेडिकल कॉलेज में फैट से स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कर मधुमेह रोगी का इलाज किया गया है। बता दें कि कानपुर के मेडिकल कॉलेज में एक मधुमेह रोगी आए थे जिनकी उम्र 50 साल थी और कई सालों से मधुमेह से पीड़ित थे। उस मरीज का मेडिकल कॉलेज के एलएलआर सर्जरी विभाग में मरीज के कमर और पेट की चर्बी से स्टेम सेल निकालकर डायबिटीज पीड़ित का इलाज करने के पहले चरण में सफलता हासिल की। डाॅक्टरों ने स्टेम सेल का प्रत्यारोपण मधुमेह मरीज की मांसपेशियों और खून में किया जिससे मरीज को राहत मिली।
वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि पहली बार डॉक्टरों ने चर्बी से स्टेम सेल निकालकर खून व मांसपेशियों में ट्रांसप्लांट कर मधुमेह रोगी का इलाज किया। इलाज की इस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट पद्धति से पैंक्रियाज की बीटा सेल से इंसुलिन को सामान्य मात्रा में निकलने में मदद मिली। डॉक्टर ने बताया कि डिजिटल थेरेपी में ऑस्ट्रेलियन टेक्निक का इस्तेमाल किया गया है। इस ट्रांसप्लांट में गेस्ट फैकल्टी डॉ. बीएस राजपूत और इंदौर से आई उनकी टीम ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। इस ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरों की उम्मीद जगी है, कि मधुमेह जैसी लाइलाज बीमारी का भी इलाज किया जा सकता है। उनका कहना है कि यह मधुमेह रोग में शोध में यह पहला चरण था, जिसे डॉक्टरों ने हासिल कर लिया है। अब इसमें और चरणों में शोध किए जाएंगे कि किस प्रकार से मधुमेह रोगियों को बेहतर तरीके से ठीक किया जा सकता है।
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