उत्तर प्रदेश

सुरक्षा के लिए पहले चरण में जिले के 500 गांवों के 700 स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे

Ritisha Jaiswal
23 Aug 2022 11:16 AM GMT
सुरक्षा के लिए पहले चरण में जिले के 500 गांवों के 700 स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे
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ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत सुरक्षा के लिए पहले चरण में जिले के 500 गांवों के 700 स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत सुरक्षा के लिए पहले चरण में जिले के 500 गांवों के 700 स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें आवाज रिकार्ड करने की भी सुविधा होगी।

इन गांवों में कैमरे लगने के बाद दूसरे चरण में बाकी बची पंचायतों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरों की खरीद ग्राम पंचायतों द्वारा ही की जाएगी। पहले चरण में उन ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, जो मुख्य मार्गों पर स्थित हैं।
सोमवार को बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में प्रधानों को इसके लिए जागरूक किया गया। एडीजी जोन अखिल कुमार एवं कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने प्रधानों को किस सोच के साथ आपरेशन त्रिनेत्र को तैयार किया गया है, उसे विस्तार से साझा किया। पंचायती राज विभाग द्वारा विभिन्न ब्लॉकों के 500 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था।
एडीजी जोन ने बताया कि विवाद एवं अपराध पर अंकुश लगाने के लिए गांवों में भी सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। इसमें सभी प्रधानों को सहयोग करना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि प्रधानों के पास गांव के विकास के साथ ही ग्रामीणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी है। कैमरा लगवाने का खर्च राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त से वहन किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई समस्या आए तो पंचायती राज विभाग से संपर्क करें। सभी कैमरों का नियंत्रण कक्ष पंचायत भवन या नजदीकी भवन में होगा। एडीजी एवं कमिश्नर ने प्रधानों के सवालों के जवाब भी दिए।
पंचायत में लगे कंप्यूटर के जरिए होगा भुगतान
कार्यशाला में प्रधानों को बताया गया कि सीसीटीवी कैमरा हो या सड़क, नाली, अब हर तरह के कार्य के लिए भुगतान पंचायत कार्यालय में लगाए गए कंप्यूटर के माध्यम से ही होगा। पहले प्रधान किसी भी कंप्यूटर से भुगतान कर लेते थे। पारदर्शिता के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। इसके लिए पंचायत गेट वे एप विकसित किया गया है।
इसी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। कार्यशाला में प्रधानों को इस एप के माध्यम से भुगतान के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके माध्यम से भुगतान करने पर यह पता चल जाएगा कि भुगतान पंचायत कार्यालय के कंप्यूटर से ही किया गया है। ऐसे में कोई प्रधान-सचिव नई व्यवस्था की अनदेखी नहीं कर सकेगा।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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