- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- पाई-पाई के लिए मोहताज...
पाई-पाई के लिए मोहताज परिवार को बैंक वाले घर आकर दे गए पैसे
सहारनपुर । वर्षों से बंद पड़े बैंक खाताधारकों को तलाश किया जा रहा है। अगर आपका भी कोई पुराना बैंक खाता है तो ये खबर आपको रकम दिला सकती है।
अगर आपका कोई पुराना एकाउंट एसबीआई में था और आप उसे भूल तक चुके हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। एसबीआई इन दिनों अपने पुराने बंद पड़ चुके बैंक खातों यानी Deaf accounts का रिव्यू कर रहा है। इनके मालिकों का पता लगाया जा रहा है और इन खातों में जमा लाखों-करोड़ों रुपयों को उनके असली हकदारों तक पहुचाने की कोशिश की जा रही है।
ऐसा ही एक मामला सहारनपुर में सामने आया है। यहां एक परिवार अपने दशकों पुराने बैंक खाते को भूल चुका था। लॉकडाउन के बाद आर्थिक तंगी से परेशान इस परिवार को पता भी नहीं था कि उनका पैसा एसबीआई में जमा है।
वही सहारनपुर के रहने वाले देवेंद्र कुमार का एसबीआई की कोर्ट रोड शाखा में करीब 23 साल पुराना खाता था। दस साल से देवेंद्र ने इस खाते से कोई लेनदेन नहीं किया था। धीरे-धीरे वह इस बैंक खाते को भूल गया और यह रकम आरबीआई के पास चली गई। देवेंद्र प्राइवेट जॉब करते थे। लॉकडाउन में जब वह हर रोज ड्यूटी पर नहीं जा पाए तो उनकी नौकरी भी चली गई। इन दिनों वह आर्थिक परेशानी झेल रहे थे। बच्चों को लगता था कि कोई चमात्कार हो जाए। इसी बीच बैंक की टीम उनके घर पहुंची और कहा कि आपका एक 23 साल पुराना बैंक खाता है, अगर उसे चलवाना चाहते हैं तो आपको 40 हजार रुपये तक मिल सकते हैं। यह खबर सुनकर पूरा परिवार हैरान रह गया, परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार को लगा ये एक चमत्कार ही है।
शाखा के प्रबंधक अनुज कुमार ने बताया कि देवेंद्र का बैंक खाता करीब 23 साल पुराना था। उनका जो पता इस बैंक खाते में दर्ज था वो बदल चुका था। ऐसे में उनको तलाशना भी मुश्किल हो रहा था। बैंक खाते के साथ दर्ज मोबाइल नंबर भी बदल चुका था। इसके बाद भी हम लोगों ने हार नहीं मानी और देवेंद्र के बैंक खाते से जुड़े गवाहों को सर्च किया गया। इस तरह लंबी भागदौड़ और मेहनत के बाद आखिरकार देवेंद्र का पता चल गया। उन्होंने बताया कि देवेंद्र के बैंक खाते में करीब 20 हजार रुपये बैलेंस था। इस तरह देवेंद्र को करीब 40 हजार रुपये मिलेंगे। लंबे समय से यह पैसा बैंक के पास रहा है इसकी एवज में बैंक अब देवेंद्र को करीब 19 हजार रुपये ब्याज के रूप में दे रहा है।