उत्तर प्रदेश

बाघ की कुत्ते को खाते हुए फुटेज कैमरे में कैद, दहशत में ग्रामीण

Deepa Sahu
2 Dec 2021 5:15 PM GMT
बाघ की कुत्ते को खाते हुए फुटेज कैमरे में कैद, दहशत में ग्रामीण
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की कोतवाली सदर की पुलिस चौकी शारदानगर के गांव सांडा के पास तीसरे दिन भी बाघ दिखाई दिया.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की कोतवाली सदर की पुलिस चौकी शारदानगर के गांव सांडा के पास तीसरे दिन भी बाघ दिखाई दिया. वन विभाग के कैमरे में बाघ कैद हुआ है. इस दौरान बाघ ने एक कुत्ते को अपना शिकार बनाया है. जिले में हिंसक जंगली वन्य जीव लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. सर्दी का मौसम आते ही बाघ, हाथी सहित अन्य कई हिंसक वन्यजीवों ने आबादी की तरफ रूख करना शुरू कर दिया है. सांडा गांव में कंडवा नदी किनारे और आसपास इलाके में करीब एक सप्ताह से बाघ की आमद बनी हुई है.

वन्यकर्मी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं और लोगों से सतर्क रहने और समूह में निकलने की अपील कर रहे है. बाघ की चहलकदमी पर भी कैमरे लगाकर नजर रखी जा रही है. वन विभाग ने बाघ की चहलकदमी करने वाले क्षेत्र को दो किलोमीटर तक के दायरे में संरक्षित कर दिया है और उसकी हर गतिविधयों पर कैमरे के जरिए नजर रखी जा रही है.
बाघ की मांस खाते हुए की फुटेज हुई कैद
बुधवार की रात बाघ ने एक कुत्ते को अपना शिकार बनाया. बाघ की मांस खाते हुए की फुटेज वनविभाग के कैमरे में भी कैद हुई है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में बाघ और बाघिन दोनों ही हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गुरुवार को खेतों में मिले पगचिह्न भी दो तरीके के हैं. हांलाकि वन विभाग एक ही बाघ के होने की बात कह रहा है. वन दरोगा नागेंद पांडेय ने बताया कि पगचिह्नों की एक्सपर्ट से जांच कराई गई है.
एक्सपर्ट ने जांच के बाग पगचिह्न एक ही बाघ के होने की पुष्टि की है. वनविभाग पोस्टर बैनर लगाकर लोगो को जागरूक कर रहा है. दो दिन पहले नीलगाय का भी बाघ ने शिकार किया था. ग्रामीण काफी डरे सहमे है. किसान और मजदूर खेतों की तरफ जाने से कतरा रहे हैं.
मंझरा में कम नहीं हुई मुसीबत चहलकदमी कर रहा बाघ
तीन दिन पहले बाघ ने कोतवाली तिकुनियां के गांव दुमेड़ा मंझरा पूरब निवासी राममूर्ति पर हमला बोल दिया था. लगातार हो रहे बाघ के हमले में हो रही लोगों की मौत से गुस्साए लोगों ने वनविभाग पर इस बात का गुस्सा उतारा था. वनविभाग की टीम लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रही है. उसने बाघ की लोकेशन ट्रेस करने के लिए 10 कैमरे भी लगाए हैं. साथ ही पिंजरा भी लगाया है.
ग्रामीणों ने लगातार तीसरे दिन भी बाघ को देखे जाने का दावा किया है. वनविभाग की माने तो बाघ की फुटेज कैमरे में कैद हुई है, लेकिन वह पिंजरे से काफी दूर है. वहीं ग्रामीण घरों से बाहर निकलने से भी घबरा रहे हैं. किसानों और मजदूरों के खेतों में न जाने से गन्ने की छिलाई भी प्रभावित हो रही है.
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