उत्तर प्रदेश

मुजफ्फरनगर शहर में भी बाढ़ का खतरा, खालापार में पानी भरा

Shreya
17 July 2023 4:58 AM GMT
मुजफ्फरनगर शहर में भी बाढ़ का खतरा, खालापार में पानी भरा
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मुजफ्फरनगर। जनपद में स्थित खादर क्षेत्र से लेकर गांव तक और गांव से लेकर शहर तक चारों तरफ बाढ़ ही बाढ़ नजर आ रही है। एक तरफ सोनाली नदी ने खादर क्षेत्र में जहां अपना कहर बरपाया हुआ है तो वही हिंडन और काली नदी ने शहरीय और ग्रामीण क्षेत्रो को प्रभावित किया हुआ है। मुज़फ्फरनगर शहर में भी खालापार के किदवई नगर और न्याजूपुरा में अब कई इलाकों में बाढ़ का पानी भरना शुरू हो गया है।

शहर के पास से होकर गुजर रही काली नदी की बात करे तो इस नदी का जलस्तर लगातार लोगों को डरा रहा है अब हालात यह है कि इस नदी का पानी इससे लगते आस-पास के गांव और शहरी क्षेत्र की कुछ कॉलोनियों में घुस गया है। नगर के नियाजीपुरा गांव और खालापार के किदवईनगर मोहल्ले के हालात तो बद से बदतर हो चले हैं कई कई फुट तक यहाँ पानी भरगया है तो वही किसानों की फसलें भी जलमग्न हो गई हैं ।जिसके चलते सैकड़ों परिवार यहां बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा 6 शरणालय स्थल बनाए गए हैं जिसमें दो बैंकेट हॉल और चार स्कूल सम्मिलित हैं अब तक जिला प्रशासन द्वारा 20 परिवारों को यहां से शिफ्ट किया गया है जबकि कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो अपने घरों से अपने रिश्तेदारी में चले गए हैं।

शरणालय स्थल में रह रहे बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यहां पर खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है जबकि प्रशासन बड़े बड़े दावे ठोक रहा है कि सभी व्यवस्थाओं पर सुचारू रूप से यहाँ काम किया जा रहा है जिसमे खाने-पीने से लेकर दवाई व अन्य चीजों की उचित व्यवस्थाएं बाढ़ पीड़ितों के लिए करवाई जा रही है।

नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि शहर क्षेत्र के न्याजुपुरा और क़िदवईनगर में दो जगहों पर रात में भी डीएम व एडीएम ने पूरी टीम के साथ दौरा किया गया था तो उस की अपेक्षा जब आज सुबह ज़ब दौरा किया गया तो पाया गया कि पानी जो है काफी मात्रा में तेजी से बढ़ रहा है, इसके चलते हमने 6 शरणस्थल बना दिए हैं जिसमें से दो बैंकट हॉल हैऔर 4 स्कूल है एवं जिसने अभी तक हमने 15 परिवार शिफ्ट कर दिए हैं बाकी कुछ परिवार ऐसे हैं जो अभी अपने रिश्तेदारों के यहां जो ऊंचाई पर है उनके यहां भी शिफ्ट हो गए हैं और अब हम लंच और डिनर को लेकर उनके खाने की व्यवस्था एक कम्युनिटी किचन के रूप में स्टार्ट करने जा रहे हैं तो जैसे जैसे लोग बढ़ते जाएंगे उनको व्यवस्था दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि जो सूचना अभी तक है दोनों जगह मिलाकर 50 परिवार के लगभग नियाजउपुरा में है और इतने ही किदवई नगर के आसपास है एवं जो काली नदी से लगे हुए लोग हैं उनके यहां पानी काफी स्थिति में बढ़ रहा है, अब तक 15 परिवारों को विस्थापित करके कैंप में लाया जा चुका है।

वही बाढ़ पीडित शाहजहां की माने तो बहुत बेहिसाब पानी भर रहा है, जब डूबने की व ज्यादा हालत खराब हो गई तब वहां से निकल कर भागे हैं, अभी तक प्रशासन की कोई मदद नहीं मिली है व हमारे मकान की कच्ची छत है जब वह गिरने को हो गई तब हम बच्चों को लेकर निकल कर आ गए है और हमारे जवान लड़कियां हैं, पांच-छह दिन से लगातार पानी आ रहा है व खाने पीने को कुछ नहीं है अब हम यहां स्कूल में आकर पड़ गए हैं तो यहां के जो मास्टर है उसने हमें भगाया कि तुमने यहां गंदगी फैला दी हुए स्कूल में ताले लगा दिए, हां यह कह रहे थे किअधिकारी खाने की व्यवस्था करेंगे लेकिन अब तक तो कुछ भी नहीं आया, हमें खाना चाहिए और जो हमारे मकान आदि गिरे हैं तो हमें रहने के लिए मकान चाहिए, यहां पर 25-30 घर के लोग हैं।

पीड़ित नदीम का कहना है कि यहां कम से कम 30-35 घर है यहां साइड में जो फंसे हुए है एवं सारे मजदूर-गरीब आदमी है, हम नियाजुपुरा के रहने वाले हैं, करीब 5 फुट पानी घरों में घुसा पड़ा है, खाने पीने की दिक्कत है व रात से यही पड़े हुए हैं, अधिकारी कह गए हैं कि खाना पहुंचाएंगे लेकिन अभी तक तो कुछ नहीं आया है, सड़क से करीब 5 फुट ऊपर पानी है, अधिकारी आ तो रहे हैं लेकिन बच्चे तो भूखे प्यासे पड़े हैं और हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं, इनके लिए कुछ व्यवस्था करवाओ।

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