उत्तर प्रदेश

Flood in UP: कभी भी खतरे के निशान को पार कर सकती हैं गंगा और यमुना

Bharti Sahu 2
16 Sep 2024 3:06 AM GMT
Flood in UP:  कभी भी खतरे के निशान को पार कर सकती हैं गंगा और यमुना
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Flood in UP:आंकड़ों के अनुसार, रविवार दोपहर 12 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 2.58 मीटर बढ़कर 83.88 मीटर, छतनाग में 1.36 मीटर बढ़कर 83.09 मीटर और नैनी में यमुना 86 सेंटीमीटर बढ़कर 83.71 मीटर पर पहुंच गई है। दोनों नदियों के खतरे का निशान 84.734 मीटर दर्ज है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह ने बताया कि 88 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर संबंधित कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गश्त कर रही हैं। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि बाढ़ के कारण घाट, रिवर फ्रंट टाइप रोड़, लोक निर्माण विभाग और हनुमान मंदिर कॉरीडोर का काम प्रभावित हो रहा है। जलस्तर कम होते ही एक बार फिर काम को समय से करने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर मैन पावर बढायी जायेगी। गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण गंगा तट दारागंज शमशान घाट पर शव जलाने वालों ने बताया कि लोग अपने परिजनों का दाह संस्कार का कार्य सड़क पर करने को मजबूर हो गये हैं। तेलियरगंज का रसूलाबाद घाट भी पानी में डूब गया है रविवार को सुबह से अब तक करीब 50 से 60 शव को दाह संस्कार जा चुका है। प्रयागराज के कोतवाल कहे जाने वाले बंधवा स्थित हनुमान मंदिर में शुक्रवार की रात को बाढ़ का पानी घुस गया। मंदिर में हनुमान जी का गर्भगृह करीब 8 से 10 फुट नीचे है जहां दोबार गंगा मइया ने उनको स्नान कराया। इससे पहले सात अगस्त को मां गंगा ने गर्भगृह में प्रवेश कर अभिषेक किया था। यमुना किनारे बसे करेलाबाग, करेली, बलुआघाट, गऊघाट, नैनी, झूंसी और फाफामऊ के निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मकानों में पानी घुस गया है। सोरांव, फूलपुर, करछना, बारा, हंडिया और मेजा तहसील के गांव में नदी किनारे स्थित हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गयी।
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