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आर्किटेक्ट का अपहरण करने में पूर्व सैनिक समेत पांच गिरफ्तार
लखनऊ: दुबग्गा में दूसरे के शक में डिप्टी एसपी के बेटे व आर्किटेक्ट आदर्श सिंह को अगवा करने के आरोपी रिटायर फौजी सुनील चौहान समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन लोगों ने बताया कि आरोपी मनीष सिंह का एक युवक से विवाद हो गया था. उसकी जगह गलती से ये लोग आदर्श को अगवा कर ले गये थे. जॉगर्स पार्क के पास जब मनीष पहुंचा तो गलती का पता चला. इसके बाद ये लोग आदर्श को छोड़ आये थे. इनके पास ब्रीजा गाड़ी बरामद हुई है.
आम्रपाली योजना निवासी आदर्श सिंह ने पुलिस को बताया था कि चार की रात वह दुबग्गा में खड़ा था. इसी दौरान रिटायर फौजी सुनील चौहान ने आशु,उपेन्द्र व अन्य के साथ उसको फॉर्च्यूनर गाड़ी से अगवा कर लिया था. उसे एक जंगल में ले जाकर पीटा गया. उसने भागने की कोशिश की तो इन लोगों ने हवाई फायरिंग कर उसे डराया. दूसरी गाड़ी से पहुंचे मनीष ने आदर्श को देखते ही साथियों से कहा कि वह किसी दूसरे को ले आये हैं. इस पर ये लोग आदर्श को शिकायत न करने की धमकी देते हुए कूड़ा चौराहे के पास छोड़ आये थे. आदर्श के भाई आकाश ने तब तक दुबग्गा पुलिस को सूचना दे दी थी और आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी.
थाने में आरोपियों की आवभगत आदर्श के अपहरण के दिन ही आरोपितों के नाम आ गये थे. इसमें आरोपी बनाये गये सुनील सिंह व मनीष का थाने में अक्सर आना-जाना रहता है. रिटायर फौजी सुनील की पुलिस वालों से खूब बनती है. इसी वजह से जब आरोपित पकड़े गये तो उन्हें बाकायदा इंस्पेक्टर के एसी कमरे में बैठाया गया. किसी को भी हवालात में नहीं डाला गया.आरोपित जितने देर थाने में रहे, उन्हें नाश्ता कराया गया.
मनीष का झगड़ा हुआ था
इंस्पेक्टर अभिनव वर्मा ने बताया कि मनीष का चार को दोपहर में एक युवक से विवाद हुआ था. उस युवक ने उस समय मनीष को काफी अपशब्द कह दिये थे. इसका बदला लेने के लिए ही उसने अपने दोस्त सुनील व अन्य से इस बारे में बताया. रिटायर फौजी सुनील उसी समय कुछ लोगों के साथ युवक को पीटने के लिए चल दिया था.
दोस्तों की कॉल डिटेल से पकड़े गये पांचों आरोपित
एडीसीपी डॉ. चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में हयातनगर निवासी में उपेन्द्र उर्फ भगत, बीकेटी का सुनील सिंह, माल-गोपरामऊ का मनीष सिंह, ठाकुरगंज का शान मोहम्मद व मलिहाबाद का आशीष उर्फ आशू हैं. मनीष व शान का अपराधिक इतिहास है. आरोपितों में सुनील व मनीष के दोस्तों के मोबाइल सर्विलांस पर लिये गये थे. इससे ही आरोपितों का सुराग मिला था.