उत्तर प्रदेश

गोली मारकर की पहली पत्नी की हत्या, जांच में जुटी पुलिस

Shantanu Roy
22 Oct 2022 11:49 AM GMT
गोली मारकर की पहली पत्नी की हत्या, जांच में जुटी पुलिस
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गाजियाबाद। काजीपुरा में मायके में रह रही संजना को गोली मारकर उसकी गोदी से दो साल के बेटे शिवांश को छीनकर ले जाने की घटना का पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा हो जाने का दावा किया। पुलिस का कहना है कि संजना का पति प्रविंद्र दूसरी पत्नी शालू चौधरी को देने के लिए बच्चे को छीनकर ले गया था। इसकी साजिश में शालू के साथ ही प्रविंद्र की मां सतेंद्री और दोस्त साहिल शामिल रहा। चारों को गिरफ्तार कर शिवांश को बरामद कर लिया गया है। साहिल और एक अन्य दोस्त वारदात के दौरान भी मौजूद रहे। दूसरे दोस्त की तलाश चल रही है। एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने बताया कि शालू चौधरी को बच्चा नहीं हो रहा था। उसने प्रविंद्र से कहा था कि वह बच्चा गोद ले ले। इस पर प्रविंद्र ने कहा कि किसी और का बच्चा गोद लेने से बेहतर है कि वह पहली पत्नी से अपना बच्चा छीनकर ले आए। शालू के हां कहने पर उसने मां सतेंद्री और दो दोस्तों के साथ मिलकर साजिश का तानाबाना बुना। 26 सितंबर की शाम वह दोस्तों के साथ काजीपुरा में पहली पत्नी संजना की ससुराल में पहुंचा। संजना घर के दरवाजे पर ही थी। उसने बच्चा छीने जाने का विरोध किया तो प्रवेंद्र ने गोली मारकर उसे घायल कर दिया। इसके बाद शिवांश को छीनकर ले गया था। शिवांश को छीनकर प्रविंद्र आरडीसी पहुंचा था। वहां पत्नी शालू और मां सतेंद्री पहले से मौजूद थीं। वहां से तीनों सोनीपत भाग गए थे। साजिश के तहत घटना से कुछ दिन पहले ही सतेंद्री और शालू काजीपुरा में आकर रहने लगी थीं। मौका मिलते ही प्रवेंद्र ने वारदात की। सोनीपत जाकर रहने की तैयारी सभी ने पहले से कर रखी थी। प्रविंद्र मुजफ्फरनगर के तितावी के गांव अटाली का है। शालू नोएडा के चिपयाना की है। साहिल पानीपत का है। उसने ही प्रवेंद्र के सोनीपत में छिपकर रहने का इंतजाम किया था।
गाजियाबाद। छल- प्रपंच में माहिर प्रविंद्र ने सोशल मीडिया पर अपने फरेब का जाल बिछा रखा है। किसी प्रोफाइल में उसने खुद को कस्टम अधिकारी बता रखा है तो किसी में पुलिस अधिकारी, जबकि हकीकत में वह इनमें से कोई नहीं है। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि शुरू में उसके जाल में एस अक्षर से नाम शुरू होने वाली युवतियां फंसी। उसका इस पर ध्यान गया तो इसी अक्षर से नाम शुरू होने वाली युवतियों को जाल में फंसाने की कोशिश करने लगा। तीन साल पहले उसके जाल में संजना फंसी। उसने सोशल मीडिया पर प्रविंद्र से दोस्ती की और फिर शादी हो गई। प्रविंद्र ने खुद को कस्टम अधिकारी बताया था। पोल खुली तो शादी के दस महीने बाद ही उससे अलग हो गई और मायके में रहने लगी। प्रविंद्र ने पुलिस को बताया कि इसके बाद शालू उसके करीब आई। उसका नाम भी एस से शुरू होता है। उससे भी शादी कर ली। उसने कई ऐसी युवतियों को फंसाया जो बेहद गरीब परिवार से थीं। खुद को बहुत पैसे वाला बताकर दोस्ती की और फिर धोखा दे दिया। प्रविंद्र कभी अपना नाम कपिल रख लेता है तो कभी आशू और कभी कुछ और। फेसबुक पर उसके अलग-अलग नाम से प्रोफाइल हैं। उसने इन नाम से फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखे हैं। फर्जी कार्ड पर ही सिम ले रखे हैं। वह नाम के साथ ही मोबाइल नंबर भी बदल लेता है। उसने कई लोगों से धोखाधड़ी करके रकम भी ऐंठ रखी है। उसने पुलिस पूछताछ में कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस उसे सोनीपत से ढूंढ निकालेगी। वह यही सोचकर गया था कि दूसरा राज्य है, कुछ दिन वहां रह लेगा। मामला ठंडा होते ही मुजफ्फरनगर चला जाएगा और शालू के साथ रहेगा।
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