उत्तर प्रदेश

पहले फर्जी हस्ताक्षर, फिर ट्रांसफर, जानें कैसे हुआ इसका खुलासा

Admin4
5 July 2022 11:57 AM GMT
पहले फर्जी हस्ताक्षर, फिर ट्रांसफर, जानें कैसे हुआ इसका खुलासा
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लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) में सोमवार को एक बड़े ट्रांसफर स्कैम (transfer scam) का खुलासा हुआ है. नगर निगम का एक बाबू नगर स्वास्थ्य अधिकारी का हस्ताक्षर स्कैन कर बीते 6 महीनों से फर्जी ट्रांसफर आदेश जारी कर रहा था. इतना ही नहीं, उसने कई सफाई कर्मचारियों को इधर से उधर किया. नए नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह (New Municipal Commissioner Inderjit Singh) ने जब इसकी जांच कराई तो इस स्कैम का खुलासा हुआ. नगर आयुक्त ने बाबू को सस्पेंड करते हुए मंगलवार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.बताया जा रहा है कि इस मामले का मास्टरमाइंड स्वास्थ्य विभाग का बाबू जुनैद है. विभागीय सूत्रों की मानें तो बाबू जुनैद एक समय नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुनील रावत का काफी करीबी था. बाबू ने इसी का फायदा उठाया और इस अधिकारी का नाम इस्तेमाल करते हुए सफाई कर्मचारियों का ट्रांसफर करता रहा. आरोप तो यह भी है कि वह तबादले के नाम पर सफाई कर्मचारियों से मोटी रकम वसूलता था.जब बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादले होने लगे तो कुछ सफाई कर्मचारी नेताओं ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई. मामला सामने आने के बाद नए नगर आयुक्त डॉ. इंद्रजीत सिंह ने जांच के आदेश दिए. जांच में पता चला कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी के लेटर हेड का इस्तेमाल करते हुए बाबू जुनैद कर्मचारियों के तबादले कर रहा है.

जुनैद के खिलाफ पहले ट्रांसफर करने और फिर संशोधन के नाम पर वसूली करने की शिकायतें मिलीं. चूंकि, ज्यादातर सफाई कर्मचारी अनपढ़ होते हैं, इसलिए वे जुनैद का खेल समझ नहीं पाए. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है. उसे सस्पेंड कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.


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