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लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को लखनऊ और वाराणसी के बीच पहली हवाई उड़ान सेवा का शुभारंभ किया । हवाई सेवा का आगाज होने से दोनों शहरों के बीच दूरी मात्र 55 मिनट में तय कर ली जायेगी।
यहां चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इण्डिगो एयरलाइन्स द्वारा लखनऊ-वाराणसी रूट पर नयी उड़ान सेवा आरम्भ किये जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें इंडिगो एयरलाइन्स की ओर से बोर्डिंग पास दिया गया। मुख्यमंत्री ने हरी झण्डी दिखाकर लखनऊ से वाराणसी उड़ान का शुभारम्भ किया तथा प्रथम उड़ान के एक यात्री को बोर्डिंग पास दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एयर कनेक्टिविटी आज की आवश्यकता है। इसे आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के साथ मिलकर अनेक कदम उठाए हैं। ‘उड़ान योजना’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की संकल्पना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके। उत्तर प्रदेश ने इस स्वप्न को साकार किया है। प्रदेश में वायु सेवा का तेजी के साथ विस्तार हुआ है।
लखनऊ से वाराणसी की उड़ान सेवा के शुभारम्भ के लिए प्रदेशवासियों तथा इंडिगो परिवार को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत दिनों से जनप्रतिनिधियों, वाराणसी के उद्यमियों, व्यापारियों, विद्वत समाज तथा श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की यह मांग थी कि वाराणसी को लखनऊ से हवाई सेवा से जोड़ दिया जाए।
आज देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाली वाराणसी से इंडिगो की फ्लाइट से जोड़ने का कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वाराणसी और देश ने अभूतपूर्व प्रगति की है। जनपद वाराणसी ने विगत 09 वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। काशी ने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक तथा भौतिक विकास के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस दृष्टि से प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वाराणसी को हवाई सेवा से जोड़ना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 06 वर्षों में वायु सेवा का तीव्र गति से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में वाराणसी और लखनऊ में दो पूरी तरह क्रियाशील हवाई अड्डे थे। गोरखपुर और आगरा के हवाई अड्डे आंशिक रूप से क्रियाशील थे। प्रयागराज कुम्भ के दौरान वहां एयरपोर्ट की सुविधा प्रारम्भ की गयी थी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 09 पूर्ण क्रियाशील एयरपोर्ट हैं तथा 12 एयरपोर्ट पर कार्य चल रहा है, इनमें दो नए इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण शामिल है।अयोध्या का अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट इस वर्ष नवम्बर-दिसम्बर तक क्रियाशील हो जाएगा। गौतमबुद्धनगर के जेवर में राज्य सरकार एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रही है। इसका पहला रनवे इस वर्ष के अन्त तक प्रारम्भ हो जाएगा। यह कार्गो की ढुलाई में वृद्धि कर उत्तर प्रदेश को एक्सपोर्ट के हब के रूप में स्थापित करेगा।
श्री योगी ने इंडिगो की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसने वर्ष 2006 से अपनी सेवाएं प्रारम्भ की थीं। इंडिगो आज देश में अपनी बेहतरीन सेवा के लिए जानी जाती है। इसमें तेजी के साथ विस्तार हो रहा है। लोगों में इसकी मांग है। क्वॉलिटी सर्विस आज की आवश्यकता है। पैसेंजर के साथ अच्छा व्यवहार हो, वह जिस विश्वास के साथ यात्रा करने के लिए आता है, उसे समयबद्धता का ध्यान रखते हुए सेवाएं उपलब्ध हों, तो पैसेंजर में इसका सकारात्मक प्रभाव बनता है।
केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ0) वी के सिंह (सेवानिवृत्त) ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में उड़ान योजना के अन्तर्गत अनेक कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाबा विश्वनाथ की नगरी आने-जाने में सहूलियत होगी।
इस अवसर पर इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि आज वाराणसी को लखनऊ से हवाई मार्ग से जोड़ने पर उन्हें गर्व है। यह राज्य में घरेलू कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में सहायक होगा। इंडिगो एयरलाइन्स हवाई यात्रा के माध्यम से देश के अनेक राज्यों को जोड़ने के लिए कटिबद्ध है।
इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल, आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद तथा इण्डिगो एयरलाइन्स के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।