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मेरठ शहर में जमकर हुई आतिशबाजी, लोगो ने एनजीटी-कोर्ट के आदेशों की उड़ाई धज्जिया
मेरठ न्यूज़: एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। दीपावली को देर रात तक पूरा जिला पटाखों के धमाकों से गूंजता रहा। कोर्ट के आदेश को ताक पर रखकर पुलिस की सरपरस्ती में जिले भर में पटाखों की बिक्री धड़ल्ले से की गई। देर रात तक पटाखों के धमाकों से शहर गूंजता रहा। एनजीटी ने पटाखों से होने वाले प्रदूषण को लेकर पहले से ही करीब 18 राज्यों को इन पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किये जा चुके हैं। एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पटाखों की बिक्री पर पूर्णत: रोक लगाई गई थी। कोर्ट के आदेशों के बाद भी व्यापारियों ने आदेशों की खूब धज्जियां उड़ाई और पटाखों की जमकर बिक्री की। शहर के अधिकांश थाना प्रभारियों के संरक्षण में पटाखों की खूब बिक्री की गई। जबकि थानेदारों से लेकर पुलिस अफसर भी इस बात से इनकार करते रहे। कि उनके यहां पटाखों की बिक्री पूर्णत: प्रतिबन्ध हैं, लेकिन बावजूद इसके दिपावली की देर रात तक पटाखों के धमाकों की खूब गंूज सुनाई दी। लोगों ने जमकर पटाखों के धमाके किये। पूरी रात तक हुई आतिशबाजी से आसमान धुएं से पूरी तरह पट गया।
आतिशबाजी के चलते वायु सूचकांक भी 400 से अधिक पहुंच गया। गंधक और पोटाश की गंध से पूरा शहर प्रदूषित हो गया। जिसके चलते वायु प्रदूषण से लेकर ध्वनि प्रदूषण से लोग पूरी तरह प्रभावित दिखाई दिये। वायु गुणवत्ता संतोषजनक न होने पर एनजीटी के आदेशों को पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने सिरे से खारिज करते हुए पटाखों की अंदरुनी तौर पर खूब बिक्री होने दी।
कोतवाली में सबसे ज्यादा बिक्री हुई पटाखों की:
कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की धज्जियां खुले तौर पर कोतवाली पुलिस द्वारा उड़ाई गई। तीरग्रान में दर्जनों स्थानों पर खुलेआम पटाखों की बिक्री की गई। पटाखा विक्रेताओं से जब बात की गई तो उन्होंने सीधे तौर पर जवाब दिया कि ऊपर क्षेत्राधिकारी तक पहुंच है। हमें पटाखे बेचने में कोई रोक नहीं है।