उत्तर प्रदेश

संक्रमित मरीज का इलाज करने और उससे 11.50 लाख रुपये वसूलने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी

Ritisha Jaiswal
2 Jun 2022 11:08 AM GMT
संक्रमित मरीज का इलाज करने और उससे 11.50 लाख रुपये वसूलने के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी
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कोरोना संक्रमण के दौरान बिना कोविड दर्जा पाए संक्रमित मरीज का इलाज करने और उससे 11.50 लाख रुपये वसूलने के आरोप में अब एफआईआर दर्ज की जाएगी।

कोरोना संक्रमण के दौरान बिना कोविड दर्जा पाए संक्रमित मरीज का इलाज करने और उससे 11.50 लाख रुपये वसूलने के आरोप में अब एफआईआर दर्ज की जाएगी। सीडीओ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने मड़ियांव स्थित एसएस हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। इस मामले में अस्पताल संचालक ने तीमारदार से 11.50 लाख रुपये वसूले थे, लेकिन कोई बिल नहीं दिया था। एसडीएम सदर की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं।

सुल्तानपुर के शास्त्रीनगर निवासी वीरेंद्र सेन सिंह कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हो गए थे। जून 2021 में मड़ियांव स्थित एसएस हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में उन्हें भर्ती कराया गया था। कोविड का दर्जा न होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर 11.50 लाख रुपये वसूल लिए।
उन्होंने इसकी शिकायत तत्कालीन कोविड कमांड के प्रभारी सीडीओ से की। सीडीओ ने जांच की जिम्मेदारी एसडीएम सदर प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी को दी। जांच के दौरान पाया गया कि शिकायतकर्ता ने अस्पताल संचालक को 10 लाख रुपये से ज्यादा रकम ऑनलाइन खाते में भेजी थी। अस्पताल संचालक ने केवल ढाई लाख रुपये लेने की बात ही स्वीकारी थी।
मरीज ने रुपये भेजने का सबूत एसडीएम को उपलब्ध कराया था। इसके अलावा बिना कोविड अस्पताल का दर्जा पाए संक्रमितों का इलाज करने, बीएएमएस चौथे वर्ष का छात्र होने के बावजूद खुद को डॉक्टर लिखने की बात भी जांच में सामने आई।
निजी अस्पताल के नोडल अफसर डॉ. एपी सिंह का कहना है कि सीडीओ ने एसडीएम की जांच के आधार पर एसएस हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के संचालक डॉ. संदीप कुमार शर्मा को दोषी पाया है। इसलिए अस्पताल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए मड़ियांव थाने में तहरीर दी गई है। अस्पताल के नवीनीकरण न करने का मुद्दा भी सामने आया है। इस मामले पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी


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