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जमीन घोटाले में 42 पर एफआईआर, आरोपी सचिव से वसूली के आदेश
मेरठ: सेंट्रल बैक कर्मचारी सहकारी आवास समिति लिमिटेड में समिति के पदाधिकारियों द्वारा गैर सदस्यों को जमीन बेची गई है तथा सर्किल रेट के अनुसार रजिस्ट्री न करके समिति को लाखों का नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अतिरिक्त समिति के पदाधिकारियों द्वारा अपने परिवार एव सम्बधियों को नियम विरुद्ध भूखंड आवंटित किये गये हैं तथा समिति के मूल सदस्यों के हितों को नुकसान पहुंचाया गया है।
इसके अतिरिक्त आडिट में खुलासा हुआ है कि प्रबन्ध कमेटी के चुनाव में अनुचित लाभ लेने के लिए सदस्यों को घटाये व बढ़ाये जाने तथा गैर सदस्यों को शामिल कर निवार्चन कराये जाने का उल्लेख किया गया है, जो गम्भीर आपत्तिजनक है। समिति के भूखंडों के क्रय-विक्रय पर परिषद द्वारा रोक लगाये जाने के बावजूद समिति पदाधिकारियों द्वारा 75 प्लाटों की बिक्री गैर सदस्यों और बाहरी व्यक्तियों को करके अनुचित पैसा कमाया गया है। इसको लेकर सिविल लाइन थाने में 42 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
शास्त्रीनगर स्थित उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद (सहकारिता अनुभाग) अपर जिलाधिकारी (नगर) मेरठ की जांच आख्या में भी जिला लेखा परीक्षा सहकारी समितिया एवं पंचायतें मेरठ द्वारा लगायी गयी उपरोक्त गम्भीर आडिट आपत्तियों का उल्लेख करते हुए समिति के दोषी पदाधिकारियों के अपहरण की धनराशि की वसूली किये जाने एवं विधिक कार्रवाई किये जाने की संस्तुति की गयी है।
अत: जिला लेखा परीक्षा सहकारी समितिया एवं पंचायतें मेरठ द्वारा उक्त बिन्दुओं में लगायी गयी आपत्तियों एवं जिला लेखा परीक्षा अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (नगर) मेरठ द्वारा की गयी संस्तुति के क्रम में समिति के दोषी पदाधिकारियों वीरपाल सिंह यादव, इंद्राणी कंसल, पूनम, राधेश्याम, राजेन्द्र, योगेश, मनोज वर्मा, रामकुमार वर्मा, हिमानी वरोलिया, नरेश कुमार, हेमंत यादव, भावना यादव, रमेश यादव, दिनेश यादव, नरेश यादव, रजत, आशा देवी, संदीप यादव, निशांत यादव, शशी यादव, कमलेश यादव, अशोक यादव, शुभम यादव, निशा यादव, शीला, चन्द्र मोहन गुप्त, नीलम गौतम, गरिमा गौतम, विश्वेन्द्र गौतम, मेवाराम, यशपाल पंवार, निखिल पंवार, पीयूष पंवार, सत्यपाल सिंह, निर्मला, नेहा भरोलिया, तुषार पंवार, राजेश मिश्रा, शशांक मिश्रा, अंकित यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, कागजों में हेरफेर और षड्यंत्र रचने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन पर आरोप है कि डीएम के आदेशों की अवहेलना कर 200 वर्ग मीटर के 75 प्लाट नौ करोड़ 75 लाख के स्थान पर 130 रुपये प्रति वर्ग मीटर गुणा 15 हजार के हिसाब से 1950000 रुपये में बेच दिये गए। जांच रिपोर्ट में सचिव प्रबंध कमेटी से 955500000 रुपये वसूलने की संस्तुति की गई थी। नंगलाबट्टू के अंकित यादव को 802 वर्ग मीटर के एक प्लाट को 4253780 रुपये के स्थान पर 36000 रुपये में रजिस्ट्री कर समिति को 4217780 रुपये का चूना लगाया गया है।