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चरथावल: क्षेत्र में गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली नहीं होने की बात पूरी तरह से गलत साबित हो रही है और क्षेत्र का हाल यह है कि हर रोज गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों को धरने पर बैठना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से जहाँ क्षेत्र के गांव सेदनगला, महाबलीपुर, कुटेसरा, चरथावल, न्यामु आदि गांवों में किसानों द्वारा गन्ना क्रय केंद्रों पर बैठकर धरने दिए गए, वहीं अधिकारियों को अपने बीच बैठाकर किसानों द्वारा घटतौली और इंडेट बढ़ाने की मांग की गई। किसानों को सिर्फ आश्वासन ही मिला। एक मामले में खाई खेड़ी मिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज ज़रूर कराया गया है।
क्षेत्र में देवबन्द, तितावी, खाइखेड़ी चीनी मिल के गन्ना क्रय केंद्र लगे हुए हैं। तीनो ही चीनी मिलों को किसानों द्वारा अपना गन्ना आपूर्ति किया जाता है, लेकिन जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली रोकने के सख्त आदेश दिए गए हैं, लेकिन यह आदेश क्षेत्र में पूरी तरह गलत साबित हो रहे है और गन्ना क्रय केंद्रों पर जमकर घटतौली की जा रही है। क्षेत्र में जहाँ पिछले वर्ष घटतौली को लेकर चरथावल जोन सुर्खियों में रहा था और गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों ने घटतौली का आरोप लगाकर बड़े हंगामे किए थे।
अब की बार गन्ने की फसल में रोग आने के कारण और गन्ने की फसल कमजोर होने के कारण किसानों को आस जगी थी कि इस वर्ष घटतौली पर अंकुश लगेगा, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात वाला नजर आने लगा और किसानों द्वारा फिर से गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली को लेकर हंगामे होने लगे और किसानों के साथ होने वाली घटतौली कुछ हद तक रुकी भी थी, लेकिन अबकी बार क्षेत्र में गन्ना क्रय केंद्रों पर होने वाली घटतौली ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस वर्ष तो गन्ना माफिया भी जमकर चांदी काट रहे हैं। गन्ना माफिया अपनी सांठगांठ के चलते किसानों का गन्ना औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं और एक दो दिन सही चलने के बाद फिर से घटतौली शुरू हो जाती है। प्रदेश के गन्ना आयुक्त द्वारा जहाँ जिले में अपनी टीम भेजकर घटतौली रोकने की भरपूर कोशिश की गई और गन्ना आयुक्त द्वारा पूरे प्रदेश में गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली रोकने के सख्त आदेश दिए हुए हैं, लेकिन उसके बाद भी चरथावल क्षेत्र के गन्ना क्रय केंद्रों पर गन्ना आयुक्त के आदेश कोई मायने नहीं रखते और यहाँ के गन्ना अधिकारी अपने तरीके से अपने मिलों के गन्ना क्रय केंद्रों को संचालित करते है। हालांकि रोहना गन्ना समिति के अधिकारियों ने जरूर इस घटतौली में गन्ना मिलो की भरपूर मदद की और गन्ना समिति रोहाना कला के अधिकारियों का यह हाल है कि जिस किसी गन्ना क्रय केंद्र की घटतौली की शिकायत किसानों द्वारा की जाती है तो समिति के अधिकारी जिस भी गन्ना क्रय केंद्र पर पहुँचते है उस केंद्र के जोन इंचार्ज और उस चीनी मिल के अधिकारी पहुँचने से पहले सूचना दे दी जाती है ताकि मिल के अधिकारी उस गन्ना क्रय केंद्र को अधिकारियों के पहुँचने से पहले ही मिल की आईटी सेल में सूचना देकर गन्ना क्रय केंद्र की मशीन को निल कर देते है और फिर घटतौली पकड़ में नहीं आती और मशीन द्वारा सही वजन दिखाया जाता है, क्या यह घटतौली योगी आदित्यनाथ के राज में भी युही चलती रहेगी, जबकि बड़े-बड़े भूमाफिया जो कि अपने आप को प्रदेश का मालिक समझते थे और सोचते थे कि उनकी गुंडागर्दी यूं ही चलती रहेगी वह भूमाफिया आज जेलों की हवा खा रहे हैं, लेकिन गन्ना घटतौली करने वालों को इतना साहस कहां से आ रहा है यह बात क्षेत्र के हर बच्चे-बच्चे की जुबान पर गूंज रहा है। कारण चाहे जो भी, लेकिन घटतौली करने वालों पर मुख्यमंत्री के आदेश कोई मायने नहीं रख रहे हैं न ही उन पर कोई फर्क पड़ रहा है वह तो अपने आप को मुख्यमंत्री से भी बड़ा मानकर गन्ना क्रय केंद्रों पर जमकर घटतौली करवा रहे हैं। उनके लिए किसी मुख्यमंत्री या गन्ना आयुक्त के आदेश कोई मायने नहीं रख रहे हैं।