उत्तर प्रदेश

सरकारी सिस्टम पर मोहिउद्दीनपुर मिल पर हुई लापरवाही की उठी अंगुलियां

Admin Delhi 1
28 Nov 2022 10:31 AM GMT
सरकारी सिस्टम पर मोहिउद्दीनपुर मिल पर हुई लापरवाही की उठी अंगुलियां
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परतापुर न्यूज़: मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल के पावर प्लांट की टरबाइन में आग की तपिश लखनऊ तक पहुंची। प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी मोहिउद्दीनपुर पहुंचे और आग लगने के प्रकरण की जांच के आदेश दिये। आग लगने के कारणों को जानने की कोशिश की। गन्ना विभाग के अधिकारियों का पूरा अमला सिर के बल खड़ा रहा। जांच रिपोर्ट आने तक कोई कार्रवाई नहीं होगी, इसके बाद ही मिल के जीएम पर भी गाज गिरने की संभावना जतायी जा रही हैं। देर रात ठीक दो बजे प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी मोहिउद्दीनपुर में मिल परिसर में पहुंचे। पूरी रात मिल परिसर में बने रहे। सुबह छह बजे गेस्ट हाउस में पहुंचे। सुबह 10 बजे फिर से मिल परिसर में पहुंचे तथा दोपहर एक बजे तक यहीं पर बने रहे। तमाम बिन्दुओं को लेकर बारीकी से जांच पड़ताल की और फिर लखनऊ लौट गए। उधर, गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी सुबह 10 बजे मिल परिसर में पहुंचे तथा आग लगने की घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये तथा एक जांच टीम गठित की। गन्ना मंत्री और गन्ना आयुक्त के मिल परिसर में मौजूद रहने तक गन्ना विभाग के आला अफसर सिर के बल खड़े रहे तथा टेंशन उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। बड़ा सवाल यह भी है कि क्या चीफ इंजीनियर नरेन्द्र की मौत के बाद मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के हालात बदलेंगे?

सरकारी सिस्टम पर अंगुलियां उठ रही हैं, इसको लेकर क्या हादसे के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी? रविवार सुबह गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने सर्वप्रथम घटनास्थल का निरीक्षण किया। चीफ इंजीनियर जिस स्थान से नीचे कूदे, वह स्थल देखा। पूरी जानकारी ली। उनके साथ अपर मुख्य सचिव संजय भूसा रेड्डी, जिला गन्ना अधिकारी भी मौजूद रहे। गन्ना मंत्री ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और मृतक चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुमार कुशवाहा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार को आर्थिक मदद व उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की बात कही। गन्ना मंत्री के जाने के बाद लखनऊ से आई टीम ने घटनास्थल की उच्चस्तरीय जांच पड़ताल आरंभ की। उधर, अपर मुख्य सचिव संजय भुसरेड्डी शनिवार देर रात ही मोहिउद्दीनपुर पहुंच गए। उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली और टरबाइन के चालू होने की संभावना को लेकर अधिकारियों की एक टीम बनाई। रविवार को दिन भर इस घटना से हुए नुकसान का आकलन करते हुए टीम से आज रिपोर्ट देने को कहा गया है। जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि टरबाइन न चल पाने की स्थिति में अधिकारियों ने गन्ना दूसरे मिलों को डायवर्ट करने का प्लान भी तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे के कारण गन्ने की आपूर्ति पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके लिए हर संभावना पर विचार किया जा रहा है।

गन्ना मंत्री ने डीएम से लिया अग्निकांड में फीड बैक: प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण ने डीएम दीपक मीणा, एसडीएम सदर ओजस्वी राज से बातचीत की। डीएम से गन्ना मंत्री करीब एकांत में खड़े होकर 10 मिनट तक बातचीत करते रहे तथा इस पूरी घटना के बारे में वास्तविकता तक जाने की कोशिश की। आग लगने के कारणों के बारे में पूछा। डीएम ने गन्ना मंत्री को आग लगने के कारणों और लापरवाही कहां हुई? उसके बारे में बताया। एक जांच टीम गठित कर उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी गन्ना मंत्री ने डीएम दीपक मीणा को दिये।

गन्ना मंत्री ने किसानों की सुनी समस्या: गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मोहिउद्दीनपुर मिल पहुंचकर किसानों की समस्या सुनी। उन्होंने किसानों से कहा कि दिसंबर में गन्ने का पूरा पेमेंट करा दिया जाएगा। उन्होंने किसानों से कहा कि मिल को जल्द चालू करा दिया जाएगा। इस बीच सभी किसान अपना गन्ना दौराला शुगर मिल ले जाएं। पेमेंट तुरंत होगा। इस दौरान किसान नेता दीपक राणा, अजय नेहरा, नरेंद्र चौधरी, अनुज तोमर व संटू गून ने गन्ना मंत्री से कहा कि इस बार पैराई सत्र से पहले मिल की मशीनरियों की सर्विस नहीं करायी गई, जिस कारण दिक्कतें आ रही हैं। किसानों ने कहा कि जीएम को हटाया जाए। इस दौरान किसानों ने गन्ना लैब की मांग की।

चीफ इंजीनियर के पार्थिव शरीर को ले गए पैतृक गांव: मोहिउद्दीनपुर शुगरमिल में हादसे में जान गंवाने वाले चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुमार कुशवाहा के पार्थिव शरीर को उनके परिजन पैतृक गांव समस्तीपुर बिहार ले गए। रविवार को मिल में उनके निधन पर शोक छाया रहा। सुबह नरेन्द्र के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। इसके बाद ही उनके शव को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

रालोद ने की जीएम को बर्खास्त करने की मांग: मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में शनिवार दोपहर हुए भीषण हादसे के बाद कुछ राजनीतिक दलों ने शुगर मिल की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाई है। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय लोक दल का एक प्रतिनिधिमंडल कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मिल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मिल के जीएम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। यहां तक कि उन्हें बर्खास्त तक करने की मांग की गई है। इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक प्रकट किया था। इसके बाद कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण भी मेरठ पहुंचे और इस हादसे के बारे में विस्तार से जानकारी ली। जिस समय गन्ना मिल के गेस्ट हाउस में मंत्री हादसे की समीक्षा कर रहे थे तभी रालोद का एक प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा और मंत्री से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने किसानो की सहमति से गन्ना फसल तुलाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने मिल का फॉरेंसिक आॅडिट करने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल रालोद नेताओं का आरोप था कि जिस जीएम की जांच पहले से चल रही हैं उसे सेवा काल समाप्त होने के उपरान्त सेवा विस्तार किस आधार पर दिया। रालोद नेताओं ने कैबिनेट मंत्री से मांग की कि जीएम के खिलाफ कार्रवाई हो और उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।

मृतक चीफ इंजीनियर के परिवार को मुआवजा देने और मिल को पुन: अल्पअवधि में चालू करने की भी मांग की गई। रालोद नेताओं का कहना था कि गन्ना ब्याज का भुगतान मोदी मिल करती रही है लेकिन जब से बीजेपी पुन: सत्ता में आयी, मिल ने ब्याज का भुगतान नहीं किया। प्रतिनिधिमंडल में सतेंद्र तोमर, दीपक राणा, शंटू गून, नागेंद्र सिंह और शशांक चौधरी सहित बड़ी संख्या में रालोद कार्यकर्ता शामिल थे।

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