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आगरा के जगदीशपुरा के अलबतिया से भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक फरार हो गया था। आरोप है कि उसने कई खाता धारकों के खाते से अंगूठा लगाकर लाखों निकाल लिए। पीड़ितों ने पुलिस के साथ बैंक में शिकायत की। मगर, अब तक आरोपी संचालक का पता नहीं चल सका है। अब पीड़ित ही जासूस बनकर उसकी तलाश में लगे हैं। रविवार को उसके घर तक पहुंच गए। धरना देने लगे। घरवाले भी उसके बारे में पता होने को लेकर अनभिज्ञता जताने लगे। इसकी जानकारी पर पुलिस पहुंची। पुलिस के आश्वासन पर लोग गए।
ग्राहक सेवा केंद्र पर 12 जुलाई से ताला लगाकर संचालक चला गया है। वह दस साल से केंद्र चला रहा था। 1500 खातों का संचालन करता था। सौ से अधिक पीड़ितों ने थाना जगदीशपुरा पुलिस और बोदला स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में शिकायत की थी। आरोप लगाया कि संचालक ने उनसे अंगूठा लगवा लिया। रुपये बाद में देने की कहकर घर भेज दिया। इसके बाद खाते से लाखों रुपये निकाल लिए। पीड़ितों को बाद में पता चला। पुलिस ने केंद्र की एजेंसी के अधिकारी को बुलाया था। उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। पांच अगस्त तक का समय भी मांगा था। मगर, तब से पीड़ित भटक रहे हैं।
आरोपी को तलाशने के लिए व्हाट्सएप पर बनाया ग्रुप
इस पर लोग खुद ही आरोपी की तलाश में लग गए। एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बना लिया। इस पर एक दूसरे से जानकारी शेयर करने लगे। बाद में संचालक के कुछ परिचितों से संपर्क किया। संचालक का घर वायु विहार स्थित एक कालोनी में है, जबकि बिचपुरी ब्लाक में भूखंड था। भूखंड कुछ समय पहले बेच दिया गया था। रविवार को पीड़ित आरोपी के घर पहुंचे। परिवार के लोगों के कुछ भी बताने से इंकार करने पर घर के बाहर ही बैठ गए। सूचना पर पुलिस पहुंच गई।
भटकने को मजबूर हैं पीड़ित
ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक पर जिन लोगों ने रकम निकालने का आरोप लगाया है, उनमें बबिता के 66 हजार, शुभम के 65 हजार, आसमा के 42 हजार, रुखसाना के 38 हजार, कमलेश के 20 हजार, गंगा देवी के 45 हजार, पूजा के 20 हजार, श्याम लाल के 61 हजार रुपये हैं। पीड़िता का कहना है कि आरोपी के घरवालों ने यही कहा कि बेटे पर कर्ज हो गया है। उसने बैंक और एजेंसी को जानकारी दी थी। इसके बावजूद कोई मदद नहीं की गई। मामले में पीड़ित एसएसपी आफिस भी गए। मगर, उनकी मुलाकात एसएसपी से नहीं हो सकी है।
थाना जगदीशपुरा के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने कहा कि ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक ने कितने लोगों की कितनी रकम निकाली है, इसकी जांच बैंक अधिकारी कर रहे हैं। बैंक की ओर से गबन की पुष्टि होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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