उत्तर प्रदेश

40 लाख के टैक्स के एरियर को माफ करने की फाइल गायब, नगर आयुक्त ने की पूछताछ

Admin4
5 Oct 2022 6:46 PM GMT
40 लाख के टैक्स के एरियर को माफ करने की फाइल गायब, नगर आयुक्त ने की पूछताछ
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नगर निगम में एक शॉपिंग मॉल की 40 लाख के टैक्स के एरियर को माफ करने की फाइल गायब हो गई है। मामले में संबंधित कर्मियों से जानकारी करने के बाद भी अभी तक फाइल नहीं मिल पाई है। अमृत विचार ने 4 अक्टूबर के अंक में इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। कर अधीक्षक के मौखिक आदेश से कर समाहर्ता ने पीलीभीत बाईपास स्थित एक शॉपिंग मॉल के बिल को सही किया और 40 लाख रुपये का एरियर माफ कर नगर निगम के राजस्व को क्षति पहुंचाई।

मामला संज्ञान में आते ही नगर आयुक्त ने तुरंत जोन अफसर से फाइल तलब की, लेकिन जोन अफसर सुबह कार्यालय में नहीं थे। उन्होंने शाम को फाइल लाने की बात कही। सूत्रों के अनुसार सोमवार को कार्यालय में दिन भर इसी मामले की फाइल तलाशी गई। जोन एक में कामर्शियल टैक्स में गड़बड़ी के मामले में छह माह निलंबित होकर पिछले सप्ताह ही बहाल होकर आए कर अधीक्षक को बुलाकर नगर आयुक्त ने फाइल की जानकारी की तो उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं है।

सूत्रों के अनुसार यह भी बताया कि कर अधीक्षक रहे आरपी सिंह के मौखिक आदेश पर राजस्व क्षति पहुंचाई गई है। वह तबादले के बाद इन दिनों गाजियाबाद में तैनात हैं। उन्हें फोन कर फाइल की जानकारी की गई। उन्होंने संबंधित क्लर्कों को फाइल देने की बात बताई। क्लर्क से पूछताछ की गई तो उन्होंने भी शॉपिंग मॉल की फाइल नहीं देने की बात अफसरों को बताई है।

नगर निगम में चर्चा है कि यहां बड़े घोटाले करने के बाद फाइल गायब ही हो जाती है। इसीलिए घोटाले करने वाले निगम में बेखौफ होकर घपला करते हैं। निगम में टैक्स विभाग के सभी जोन में इस घपले की चर्चा रही है। यह भी चर्चा है कि कर समाहर्ता के साथ सिविल लाइंस में एक मामला पहले भी हो चुका है। तब अफसरों ने मामले को दबा दिया था। सूत्रों के अनुसार नगर आयुक्त भी इस प्रकरण में गंभीर हैं।

ऐसे भी होता है खेल

नगर निगम में स्वकर फार्म भरने से लेकर एरियर खत्म करने का खेल चल रहा है। जानकार सूत्र बताते हैं कि घपला करने वाले मामले में संबंधित व्यक्ति से स्वकर फार्म भरवाया जाता है। उसमें प्रापर्टी का क्षेत्रफल कम दिखाकर और नई आईडी बनाकर पुराना एरियर खत्म कर दिया जाता है। हालांकि, शॉपिंग मॉल के मामले में आईडी पुरानी ही है, लेकिन अधिकांश मामलों में नई आईडी बना दी गई है।

न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar

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