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कम उम्र के बंदियों के साथ मारपीट, दो थानों की पुलिस ने शांत कराया
मेरठ: जिला कारागार के सामने स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर में उस वक्त किशोर बंदियों ने हंगामा कर दिया जब शातिर किस्म के बवाली सात लोगों को प्रदेश की दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा रहा था। हंगामे को देखते हुए मेडिकल और सिविल लाइन थाने की पुलिस मौके पर आई और बंदियों को कंट्रोल किया। बंदियों को दूरस्थ गोरखपुर तक भेजा गया है।
राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर में इस वक्त 68 बंदी है। इनमें सात बंदियों ने आतंक मचा रखा है। ये सात बंदी हत्या, बलात्कार, डकैती और लूट के आरोपी है। इन बंदियों ने जेल में बंद अन्य कमजोर बंदियों पर रौब गालिब कर उनको पीटना और उनसे काम करवाते हैं। यही नहीं इन बंदियों को आतंकित कर उनके घर से पैसे मंगवाने का दबाव डालते हैं। 24 दिसंबर 2022 को जिला जज रजत सिंह जैन, जिलाधिकारी दीपक मीणा और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण मेरठ जेल का निरीक्षण करने गए थे।
इसके बाद तीनों अधिकारी जेल के सामने स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह भी गए। इस जेल में सत्रह साल की उम्र तक के किशोर बंदियों को रखा जाता है। जब अधिकारी संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण कर रहे थे, उस वक्त जिला जज ने कुछ बच्चों से बात भी की थी। बच्चों ने रोते हुए बताया था कि सात बंदी खतरनाक हैं कहने को सत्रह साल के हैं, लेकिन इनका आतंक लगातार बढ़ रहा है। इन बंदियों पर मारपीट करने और गलत ढंग से व्यवहार करने का आरोप लगाने के साथ ही घर वालों से पैसा मंगवाने का आरोप भी बाकी बंदियों ने लगाया था।
जिला जज ने इस बावत रिपोर्ट मांगी थी। प्रभारी संप्रेक्षण गृह कुलदीप सिंह ने जिला जज को रिपोर्ट सौंपी थी जिनमें इन सात बंदियों का नाम शामिल किया गया था। इस पर जिला जज ने डीएम दीपक मीणा को इन किशोर अपचारियों को प्रदेश की दूसरी जेलों में शिफ्ट करने के निर्देश दिये थे। इसी कड़ी में एक बंदी गौतमबुद्ध नगर जेल,एक बंदी मुरादाबद, दो दो बंदी गोरखपुर और मुरादाबाद जेल आदि जेल भेजे गए। दूसरी जेलों में भेजे जाने वाले सात बंदियों में दो बागपत के और पांच मेरठ के बंदी हैं।
शाम को जैसे ही इन बंदियों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने की प्रकिया शुरु हुई तो इन सात बंदियों ने हंगामा करना शुरु कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही मेडिकल और सिविल लाइन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और किशोर बंदियों को किसी तरह शांत करके गाड़ियों में बैठाया। इस मामले में प्रभारी राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर कुलदीप सिंह ने बताया कि सात किशोर अपचारियों को प्रशासनिक आधार पर दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है।