- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- पत्नी से झगड़ा पड़ा...
उत्तर प्रदेश
पत्नी से झगड़ा पड़ा मंहगाः शिकायत पर पकड़ा गया फर्जी शिक्षक
Shantanu Roy
21 July 2022 10:20 AM GMT
x
बड़ी खबर
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में करीब 10 साल पहले अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर बेसिक शिक्षा विभाग में पीलीभीत में अध्यापक बने एक व्यक्ति के लिये घरेलू झगड़ा तब मंहगा साबित हुआ जब उसकी नाराज पत्नी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने की शिकायत विभाग में कर दी। जांच में शिकायत सही पाये जाने पर विभाग ने फर्जी शिक्षक के खिलाफ कारर्वाई शुरु कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जागृति नगर, करगैना निवासी वीरपाल की पत्नी ने उसके फर्जीवाड़े की शिकायत विभाग में कर दी। तहसीलदार सदर ने वीरपाल के दस्तावेजों की जांच करायी, जिसमें अनुसूचित जाति का उसका प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। तहसील प्रशासन ने संबंधित विभाग को उसके विरुद्ध कारर्वाई करने के लिए संस्तुति भेज दी है।
आरोपी के खिलाफ की जाएगी कानूनी कारर्वाई-बीएसए
बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) पीलीभीत ने कहा है कि इस मामले में कानूनी कारर्वाई कराई जाएगी। वीरपाल ने करीब 10 साल पहले तत्कालीन तहसीलदार सदर से अनुसूचित जाति (धनगर) का प्रमाण पत्र संख्या प्राप्त कर लिया। वीरपाल मूल रूप से लोहापट्टी भोलानाथ, तहसील मिलक, जिला रामपुर, का निवासी था। बताया जाता है कि बरेली तहसील से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद उसने बेसिक शिक्षा विभाग पीलीभीत में अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर ली। बताया जाता है, इसी दौरान पत्नी से संबंध खराब हो गए। जिसके चलते पत्नी ने फर्जी प्रमाण पत्र की शिकायत शासन स्तर पर कर दी।बेसिक शिक्षा अधिकारी पीलीभीत अमित कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले वीरपाल के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही की जा रही है।
अनुसूचित जाति श्रेणी में नहीं है युवकः तहसीलदार
बरेली में सदर तहसीलदार अनिल कुमार ने बताया कि पिछले कई माह से इसकी शिकायत इधर-उधर घूम रही थी। इस पर उन्होंने जनपद स्तर पर गठित सत्यापन समिति से जांच कराई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र गलत है, क्योंकि वीरपाल मूलरूप से रामपुर निवासी होने के साथ-साथ गडरिया जाति से ताल्लुक रखता है। जो कि अनुसूचित जाति श्रेणी में नहीं है। धनगर जाति इस इलाके में आसपास कहीं नहीं पाई जाती है।
तहसीलदार ने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र किया रद्द
रिपोर्ट मिलते ही सदर तहसीलदार अनिल कुमार ने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया। अनिल कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि यदि वीरपाल द्वारा इस अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र का किसी योजना हेतु प्रयोग में लाया जाता है तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं उसकी होगी।
Shantanu Roy
Next Story