उत्तर प्रदेश

एसडी मार्किट मामले में जवाब देने में कुछ घंटे शेष, एक बार फिर समय मिलने के है आसार

Shantanu Roy
13 Jan 2023 10:46 AM GMT
एसडी मार्किट मामले में जवाब देने में कुछ घंटे शेष, एक बार फिर समय मिलने के है आसार
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मुजफ्फरनगर। अरबों रुपयों की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने के आरोप में 190 करोड़ रुपये की रिकवरी का नोटिस झेल रही दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के पास जिला प्रशासन से मिली दस दिन की मोहलत को खत्म होने में अब मात्र चंद घंटों का ही समय शेष रह गया है, लेकिन व्यापारियों के बीच पहुंचकर भूमि पर मालिकाना हक होने का दावा करने वाले एसोसिएशन से जुड़े लोग कोई भी साक्ष्य जिला प्रशासन को नोटिस के जवाब के रूप में उपलब्ध नहीं करा पाये हैं। मामले में 12 जनवरी तक जिला प्रशासन भी वेट एण्ड वॉच की स्थिति में रहते हुए अगली बड़ी कार्यवाही की तैयारी में जुटा हुआ है। इस मामले को ठण्डे बस्ते में मानकर चल रहे लोगों को अगले एक दो दिनों में नया धमाके देखने को मिल सकता है। इस प्रकरण में जिला प्रशासन ने एसडी कॉलेज मार्किट वाली शासकीय भूमि को वापस करने के लिए कमर कसने के साथ ही इस भूमि पर अवैध करते हुए अवैध रूप से आर्थिक लाभ अर्जित करने के मामले को एक दण्डनीय अपराध मानते हुए एसोसिएशन के पदाधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए विधिक राय भी ली जा रही है। वैसे सूत्रों के मुताबिक 12 जनवरी के बाद जिला प्रशासन एक सप्ताह का और समय दे सकता है जिससे एसोसिएशन हाई कोर्ट से समय न मिलने के आधार पर कोई राहत न मांग सके।
बता दें कि नगरपालिका परिषद् के अधीन नजूल की 0.5730 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर न्यू एसडी कॉलेज मार्किट सहित दूसरी अन्य बहुमंजिला मार्किट खड़ी कर दिये जाने के प्रकरण में जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर जांच के बाद हुए सनसनीखेज खुलासे में कुछ दिन के ठहराव के बाद अब फिर से नई हलचल नजर आ सकती है। इस मामले में दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और सह सचिव को पदनाम से नगर पालिका परिषद के ईओ हेमराज सिंह द्वारा दिये गये करीब 190 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के नोटिस को लेकर दिया गया समय अब समाप्त हो रहा है। इसमें कुछ समय ही एसोसिएशन के पदाधिकारियों के पास शेष रह चुका है। दरअसल, इस प्रकरण में जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार सदर अभिषेक शाही ने जांच कर 26 नवम्बर को अपनी आख्या दी थी, इसके साथ ही डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय अन्य जांच कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट 29 नवम्बर को प्रस्तुत की। दोनों ही जांच में यह साबित हुआ था कि पालिका से साल 1952 में लीज पर शैक्षिक कार्यों के उपयोग के लिए ली गई उक्त शासकीय भूमि की लीज 30 साल के लिए एसोसिएशन को दी गयी थी। 1982 में यह लीज पूरी होने के उपरांत भी एसोसिएशन ने अपना अवैध कब्जा इस पर कायम रखा और इस भूमि का उपयोग शर्तों के विपरीत व्यावसायिक गतिविधियों को विकसित करते हुए बहुमंजिला मार्किट बनाकर अवैध रूप से धन अर्जित किया है।
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