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मुरादाबाद। कुष्ठरोग पीड़ित मां की बेटे ने जान ले ली। मां को दवा दिलाने के बहाने जंगल में ले जाकर गला दबाना चाहा, मगर हाथ कांप गया। इसके बाद कड़ाके की सर्दी में जंगल में डाल आया। जिस वजह से वृद्धा ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी बेटे को गैर इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रविवार को घटना का खुलासा पुलिस ने कर दिया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संदीप कुमार मीना ने पत्रकारो से बातचीत में बताया कि 11 जनवरी को सोनकपुर थाना क्षेत्र के गांव भूड़ावास निवासी गजेंद्र सिंह के गन्ने के खेत में करीब 80 वर्षीया महिला का शव मिला था। चौकीदार जितेंद्र से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव की शिनाख्त का प्रयास किया, मगर सफलता नहीं मिली। इसके बाद शव का अज्ञात में पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें महिला की मौत का कारण बीमारी सामने आई।
महिला की शिनाख्त के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। तब मैनाठेर थाना क्षेत्र के गांव नगलिया मशकूला निवासी मोहम्मद इरफान ने शिनाख्त अपनी चाची अनवरी के रूप में की। इरफान ने पुलिस को बताया कि अनवरी कुष्ठ रोग से पीड़ित थी। उसका इकलौता बेटा इस्लाम उन्हें बहुत परेशान करता था। पुलिस ने मोहम्मद इस्लाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मोहम्मद इस्लाम ने बताया कि मां की बीमारी की वजह से गांव वालों ने उसका तिरस्कार कर दिया था। लोगों ने उसका हुक्का पानी बंद कर दिया था। उससे व उसके परिवार से गांव का कोई भी व्यक्ति बात तक नहीं करता था।
लोगों का कहना था कि यह बीमारी खत्म नहीं होगी। बल्कि परिवार के अन्य लोगों को भी लग जाएगी। उसकी एक लड़की शादी योग्य है। बीमारी के कारण उसका रिश्ता नहीं हो पा रहा था। लोगों के तिरस्कार से तंग होकर और उनके बहकावे में आकर वह दवा दिलाने के बहाने बाइक पर बैठाकर मां को ले गया। रास्ते में उमरारा के पास ग्राम भूड़ावास के जंगल में गन्ने के खेत में ले जाकर मां की गर्दन में शॉल डालकर गला दबाने की कोशिश की, मगर मार नहीं सका और भाग गया। बाद में कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के नीचे जंगल में पड़ी वृद्धा ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर ली है।
कुंदरकी। बेटे ने मां की बीमारी को छिपा रखा था। ज्यादातर ग्रामीणों ने बीमारी के बारे में जानकारी न होने की बात कही है। घटना वाले दिन बेटा मां को वैद्य से दवाई दिलाने का बहाने ले गया था। मां को क्या पता था कि कलयुगी बेटा उसको मारने के लिए ले जा रहा है और यह उसके जीवन का आखिरी दिन है। उसने गन्ने के खेत के पास पेशाब करने के बहाने से गाड़ी रोकी और मां का शॉल पकड़कर उसे गन्ने के खेत में गिरा दिया। और शाल गले पर लपेट कर मारने की कोशिश की। बेचारी वृद्ध मां गले में लिपटी हुई शॉल को भी नहीं उतार पाई और रात भर ठंड में पड़े पड़े उसकी मौत हो गई। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आरोपी का गलत संगत के लोगों में उठना बैठना था। ज्यादातर मोहल्ले वालों और ग्रामीणों से अलग रहता था।
ग्रामीणों के अनुसार उसके घर में कम ही लोगों का आना जाना था। ज्यादातर आरोपी के जो संबंध थे वह बाहर के ही लोगों से बताए गए हैं। थाना प्रभारी सोनकपुर तेजवीर सिंह के अनुसार वह रविवार को अपनी मां को देखने के लिए आया था। इसी दौरान पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया। रात दिन गांव वाले उसे ताने देते थे। अनपढ़ इस्लाम ग्रामीणों के कहने में आ गया और मां को जान से मारने के लिए 10 जनवरी को दवा दिलाने के बहाने बाइक पर बैठाकर ले गया। रास्ते में वह वृद्ध मां को गन्ने के खेत में ले गया और उनके शॉल को गर्दन में कसना शुरू कर दिया। इस्लाम ने बताया कि जिस मां ने नौ महीने पेट रखा था उसकी हत्या करते समय आंखों के आगे अंधेरा छा गया और हिम्मत टूट गई। हाथ-पांव फूल गए। इसके बाद वह मां को बेहोशी की हालत में वहीं पड़ी छोड़कर बाइक लेकर भाग गया। थाना प्रभारी ने बताया कि इस्लाम ने घर आकर भी किसी से घटना का जिक्र तक नहीं किया और ससुराल में जाकर छिप गया। पुलिस का अंदाजा था कि वृद्धा की हत्या संपत्ति के लालच में की गई है। मगर जब इस्लाम से पूछताछ की तो उसके कबूलनामे से पुलिस भी सन्न रह गई।

Admin4
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