उत्तर प्रदेश

कान्हा की नगरी में बवाल की आशंका: चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात, भड़काऊ पोस्ट पर 4 के खिलाफ FIR, जमीन से लेकर आसमान तक पहरा

jantaserishta.com
5 Dec 2021 6:32 AM GMT
कान्हा की नगरी में बवाल की आशंका: चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात, भड़काऊ पोस्ट पर 4 के खिलाफ FIR, जमीन से लेकर आसमान तक पहरा
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शाही ईदगाह मस्जिद में जलाभिषेक के ऐलान से गरमाया माहौल।

नई दिल्ली: यूपी के मथुरा में 6 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद में जलाभिषेक के ऐलान से माहौल गर्मा गया है. इस जानकारी के बाद शहर में प्रशासन ने धारा-144 लगा दी है. मस्जिद और उसके आसपास उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी के जवान और आरएएफ के जवान तैनात किए गए हैं.

मस्जिद की तरफ जाने वाले हर शख्स का पहले पहचान पत्र चेक किया जा रहा है, फिर उसकी बकायदा तलाशी ली जा रही है. उसके बाद ही मस्जिद की तरफ जाने दिया जा रहा है. मथुरा पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रख रही है.
एसएसपी मथुरा के मुताबिक, अब तक सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने पर शहर के गोविंदनगर और कोतवाली पुलिस थाने में 4 अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी है. आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है. हमारी टीम सोशल मीडिया पर नजर रख रही है. उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के आसपास गाड़ियों की आवाजाही बाधित रहेगी. बकायदा इसके लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है.
दंगा निरोधक दस्ता की तैयारी
शाही ईदगाह मस्जिद की तरफ जाने वाले एंट्री प्वाइंट की सुरक्षा की जिम्मेदारी मथुरा के सीओ सिटी को दी गई है. सीओ अभिषेक तिवारी का कहना है कि हमने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था यहां पर तैनात की है. ड्रोन कैमरे से निगरानी रखी जा रही है. हमारी कोशिश है कि कोई भी असामाजिक तत्व यहां कोई हरकत न कर सके. इसके अलावा हमने शनिवार को पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल भी की थी, जिसमें दंगा निरोधक दस्ता की तैयारी देखी गई. सुरक्षा के मद्देनजर मथुरा के हर मेन प्वाइंट पर फोर्स की तैनाती गई है.


क्या है मामला
बता दें कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर मथुरा में चार हिंदूवादी संगठनों- अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास, नारायणी सेना और श्रीकृष्ण मुक्ति दल ने शाही ईदगाह मस्जिद में जलाभिषेक कार्यक्रम का ऐलान किया है. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने प्रशासन परिसर में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत मांगी है. हालांकि, प्रशासन ने इन संगठनों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है.



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